हल्द्वानी: हिन्दू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का खास महत्व है. नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों तक मां भगवती देवलोक से पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती हैं.7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 अक्टूबर तक रहेंगे और 15 अक्टूबर को विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा.
गौर हो कि 9 दिन का पर्व शारदीय नवरात्रि अश्विनी मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 7 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस बार नवरात्र 8 दिनों के लिए पड़ रहा है. 15 अक्टूबर को विजयदशमी मनाया जाएगी उसी दिन दुर्गा विसर्जन भी किया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि इस साल महाष्टमी 13 अक्टूबर बुधवार को पड़ रही है. ज्योतिष के अनुसार इस साल चतुर्थी तिथि का क्षय होने से शारदीय नवरात्रि 8 दिन के लिए पड़ रही है. ऐसे में 13 अक्टूबर को अष्टमी व्रत उत्तम रहेगा, जबकि 14 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी और कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का समापन होगा. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक नवरात्र के पहले दिन चित्रा नक्षत्र में घट स्थापन का शुभ मुहूर्त है सूर्य उदय से लेकर सुबह 11:55 तक घट स्थापन का विशेष योग बन रहा है.
इस बार मां दुर्गा डोली में सवार होकर आएंगी. पौराणिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा अपने आठों रूप में अलग-अलग सवारी पर सवार होकर पृथ्वी पर आई हैं. ऐसे में इस बार नवरात्र की शुरूआत गुरुवार को हो रही है, ऐसे में मां दुर्गा इस नवरात्रि में डोली में सवार होकर आएंगी. वहीं नवरात्रि में मां दुर्गा की सच्चे मन से उपासना करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.
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नवरात्रि में घर के मंदिर और देवालय में साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें, खासकर मिट्टी या तांबे या पीतल के कलश की स्थापना करें. कलश में गंगाजल या स्वच्छ पानी मिलाकर रखें. साथ ही सुपारी ,अक्षत सहित अन्य पूजा सामग्री कलश में अवश्य डालें. मां भगवती को श्रृंगार पसंद है, ऐसे में लाल रंग की चुनरी, चूड़ियां,सिंदूर, लाल वस्त्र, धूप, अगरबत्ती, कुमकुम, जौ, तिल, फूल, फल के साथ पूरी विधि विधान के साथ मां भगवती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.