हल्द्वानी: आज पूरे देश में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में हल्द्वानी में शहीदों को याद किया गया. कार्यक्रम में हल्द्वानी नगर निगम मेयर जोगिंदर पाल रौतेला समेत तमाम लोग मौजूद रहे. वहीं, टिहरी में भी कारगिल दिवस को शौर्य दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया. जगह-जगह स्कूली बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकालकर देशभक्ति गीतों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.
सन 1999 में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. कारगिल युद्ध में भारत के 527 जवानों की शहादत हुई थी. युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवानों ने भी अपनी शहादत दी थी. हल्द्वानी के शहीद पार्क में प्रशासनिक अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने शहीद स्तंभ पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन को कभी भूला नहीं जा सकता, क्योंकि उस दिन हमारे वीर जवानों ने एक नई शौर्य गाथा लिखी थी.
टिहरी में कारगिल के शहीदों को किया याद: टिहरी में कारगिल शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं एवं उनके आश्रितों को सम्मानित किया गया. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने वीर शहीदों और उनकी वीरांगनाओं को नमन करते हुए कहा कि युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उनकी अमर गाथाएं इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि शहीद परिवारों और सैनिकों की कोई भी समस्या हो तो उनका समाधान हर स्तर पर किया जाएगा.
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क्षेत्रीय विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि हमारे वीर सैनिकों के बलिदान के कारण ही देश और हम सुरक्षित हैं. सैनिकों के अनुशासन एवं उनके द्वारा देश रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने का प्रण और देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान करना वंदनीय है.
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