नैनीताल: कुमाऊं में कुलदेवी के रूप में पूजी जाने वाली मां नंदा सुनंदा के 121 वें महोत्सव का भव्य आगाज हो गया है. मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा निर्माण के लिए हल्द्वानी के पीलीकोठी क्षेत्र से दो कदली वृक्षों को नैनीताल लाया गया है. परंपराओं के अनुरूप सबसे पहले कदली वृक्षों को सुखताल क्षेत्र में ले जाया गया, जहां पर स्थानीय महिलाओं ने वृक्षों की पूजा-अर्चना की.
स्कूली बच्चों ने निकाली झांकियां: इसके बाद बैंड-बाजों और छोलियारो के साथ वृक्षों को तल्लीताल स्थित मां वैष्णो देवी के मंदिर ले जाया गया, जहां पर कदली वृक्षों की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद भक्त कदली वृक्षों को नगर भ्रमण के लिए लेकर निकले. इस दौरान विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने विभिन्न झांकियां बनाकर अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी. नगर भ्रमण के बाद कदली वृक्षों को रामसेवक सभा लाया गया. जिसके बाद कदली वृक्षों को प्रतिमा निर्माण के लिए मां नैना देवी मंदिर लाया गया, जहां पूजा अर्चना के बाद कदली वृक्ष से मां की प्रतिमाओं के निर्माण का काम शुरू किया जाएगा.
उत्तराखंडी लोक परिधान में नजर आई महिलाएं: कदली वृक्ष के स्वागत के लिए स्थानीय महिलाएं विशेष रूप से उत्साहित नजर आई. महिलाओं ने उत्तराखंड की लोक परिधान पहनकर कदली वृक्ष का भव्य स्वागत किया. महिलाएं वैष्णो देवी मंदिर से लेकर नैना देवी मंदिर पहुंचने तक मां की भक्ति में रंगी नजर आईं.
भक्तों के लिए जगह-जगह लगे रहे प्याऊ: कदली वृक्ष के नगर भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों ने विभिन्न स्थानों पर भक्तों की सुविधा के लिए फल वितरित किए. साथ ही कई स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की, ताकि कदली वृक्षों के नगर भ्रमण के दौरान भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करना ना पड़े.
ये भी पढ़ें: बेरीनाग में मेला महोत्सव का रंगारंग आगाज, MLA फकीर राम टम्टा ने किया झोड़ा चाचड़ी नृत्य
नगर भ्रमण के दौरान यातायात रहा डाइवर्ट: कदली वृक्ष के नगर भ्रमण के दौरान पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड में दिखा. सीओ नितिन लोहानी ने बताया कि कदली वृक्ष मार्ग (अपर माल रोड ) को पूर्ण रूप से वन वे बनाया गया. इस दौरान यातायात को लोअर माल रोड से चलाया गया.
ये भी पढ़ें: कुरुड़ मेले के समापन के साथ शुरू हुई नंदा लोकजात यात्रा, उमड़ा लोगों का हुजूम