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रामनगर की ये जलेबी है खास, जिसने खाई वो नहीं भूला स्वाद

जलेबी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. हर हिंदुस्तानी चाव से जलेबी खाता है. अगर चाशनी में डूबी गरमा-गरम जलेबी और वो भी चौबीसों घंटे मिलती हो तो फिर क्या कहने. ये खासियत रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान भंडार की है, जहां आपको स्वादिष्ट जलेबी मिलती है. रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान की जलेबी खाने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं.

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रामनगर की जलेबी
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Published : Sep 2, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 5:54 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड अपनी संस्कृति और खान-पान के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है. यहां की मिठाइयां भी अपनी ही अलग पहचान रखती हैं. बात अगर कुमाऊं की करें तो इस मामले में इसकी बात ही निराली है. यहां की बाल मिठाई हो या सिंगौड़ी या फिर दूध के पेड़े इन्हें कौन नहीं जानता. मगर आज हम आपको इन सबसे इतर कुछ खास बताने जा रहे हैं.

ईटीवी भारत आज आपको रामनगर की मशहूर माहेश्वरी की दुकान की जलेबी के स्वाद का जायका चखाने जा रहा है. रामनगर की इस दुकान में जलेबी का स्वाद लेने कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. माहेश्वरी दुकान के मालिक पिछले 20 सालों से लाजवाब जलेबी बना रहे हैं.

रामनगर की जलेबी

रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान भंडार की मिठाई का स्वाद लेने के दूर-दराज के ग्रामीण यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इन मिठाइयों में यहां की जलेबी बेहद ही खास है. इस जलेबी के स्वाद से लेकर इसके तैयार होने की प्रक्रिया को जानने के लिए हमने माहेश्वरी मिष्ठान भंडार के संचालक विनोद माहेश्वरी से बात की.

पढ़ें- कभी खाया है पिज्जा और चीज बर्गर वाला समोसा, अगर नहीं तो आइए दून Samosewala's

कैसे तैयार की जाती है जलेबी: माहेश्वरी मिष्ठान भंडार के संचालक विनोद माहेश्वरी ने बताया जलेबी तैयार करने के लिए वे लगभग 2 किलो मैदे में 200 ग्राम बेसन, चुटकी भर सोडा और थोड़ा बेकिंग पाउडर डालकर इसमें पानी मिलाते हैं. फिर इसको लगभग 5 मिनट तक गूंथा जाता है. जिससे सारी चीजें मिक्स हो जाती हैं.

विनोद माहेश्वरी ने बताया कि 2 किलो मैदे से 5 किलो से ज्यादा जलेबी तैयार होती है. उन्होंने बताया जलेबी बनाने के लिए चाशनी तैयार की जाती है. जिसके लिए एक बर्तन में लगभग 5 लीटर पानी गर्म करने के साथ ही उसमें 15 किलो चीनी मिलाई जाती है. उसके साथ ही कलर भी मिलाया जाता है. उसको गर्म करके चीनी के घुलने तक पकाया जाता है. जब उसमें तार सी आने लगे तो गैस बंद कर दी जाती है. तब उसे हल्का ठंडा होने दिया जाता है.

पढ़ें- चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, कोकोनट, फायर...किस्म-किस्म के पान हैं यहां, शौकीन हैं तो चले आइए

साथ ही एक कढ़ाई में 2 से 3 लीटर तेल गरम किया जाता है. जब तेल गरम हो जाता है उसके बाद जलेबी के लिए तैयार की गई सामग्री को एक कपड़े में भरा जाता है. इसके बाद उसे करीने से कढ़ाई जलेबी का आकार दिया जाता है. हल्की आंच में जलेबी को 5 मिनट तक सिंकने होने दिया जाता है. जब जलेबी का रंग दोनों तरफ से भूरा होने लगे तो उसे तैयार की गई चाशनी में 1 से 2 मिनट के लिए डाल दिया जाता है. जिससे जलेबी में मिठास आती है. उसके बाद जलेबी खाने को तैयार हो जाती है.

पढ़ें- पान के शौकीनों के लिए खास है ये कैफे, जानें खासियत

20 साल से बेच रहे हैं जलेबी: बता दें विनोद माहेश्वरी 20 साल से जलेबी बेच रहे हैं. इसके साथ ही वे पकौड़ी, मिठाइयां भी बेचते हैं. उनकी दुकान की जलेबी पूरे शहर में मशहूर है. उन्होंने बताया अब उनका बेटा आनंद भी उनके इस काम में उनकी मदद करने लगा है. बड़ी बात ये है कि विनोद माहेश्वरी जैसे ही दुकान पर जलेबी बनाते हैं लोगों की भीड़ लगना शुरू हो जाती है. इस दुकान पर चौबीसों घंटे गरमा-गरम जलेबी उपलब्ध होती है.

पढ़ें- जब गंगा से हार गए थे एडमंड हिलेरी, 'सागर से आकाश' अभियान में हुए थे फेल

लाजवाब है यहां की जलेबी: माहेश्वरी मिष्ठान की जलेबी का स्वाद लेने पहुंचे रामनगर के कय्यूम बताते हैं कि यहां की जलेबी का कोई मुकाबला नहीं है. यहां स्वाद से साथ साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. वहीं, एक और ग्राहक भरत कहते हैं मैं लगभग 13 सालों से माहेश्वरी स्वीट्स की जलेबी का स्वाद ले रहा हूं. यहां की जलेबी एकदम करारी और स्वादिष्ट होती है. बचपन के दिनों के याद करते हुए वे बताते हैं कि जब हम खेल कर आते थे तो कई बार दही जलेबी का नाश्ता यहीं पर होता था.

पढ़ें- फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने चखा पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद, विदेशी मेहमान भी हुए मुरीद

चौबीसों घंटे मिलती है गरमा-गरम जलेबी: वहीं रामनगर के व्यवसाई अब्बु बकर कहते हैं मैं 8 सालों से यहां जलेबी खाने के लिए आ रहा हूं. यह शहर का एक भरोसेमंद प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान है. दूसरा यहां पर चौबीसों घंटे गरमा-गरम जलेबी मिलती है. जिसके कारण यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र से आई माया जोशी भी यहां की जलेबी की फैन हैं. वे भी कई सालों से यहां जलेबी का स्वाद लेने लगातार आती रहती हैं.

पढ़ें- कभी खाया है पिज्जा और चीज बर्गर वाला समोसा, अगर नहीं तो आइए दून Samosewala's

चाशनी में डूबी गरमा-गरम जलेबी और वो भी चौबीसों घंटे, ये खासियत रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान भंडार की है. इसके साथ ही स्वाद से कोई समझौता नहीं, बनाने का तरीका ये वो सब कारण हैं जिसके कारण माहेश्वरी मिष्ठान रामनगर में एक अलग पहचान रखता है.

जलेबी के क्या-क्या फायदे हैं

  • माइग्रेन की समस्या में फायदेमंद: आजकल का जीवन बहुत ही व्यस्त हो गया है. भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित खानपान की वजह से लोगों में माइग्रेन की समस्या बहुत अधिक देखने को मिल रही है. जब किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या होती है, तो उसके आधे सिर में दर्द होने लगता है जो बहुत ही भयंकर होता है. अगर इससे बचना चाहते हैं तो सुबह के समय दूध और जलेबी का सेवन करना चाहिए.
  • पीलिया: अगर किसी व्यक्ति को पीलिया की समस्या है तो उसके लिए जलेबी का सेवन बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. इसके लिए आपको रोजाना सुबह के समय खाली पेट जलेबी का सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में पीलिया की समस्या दूर हो जाएगी.
  • तनाव: भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति को तनाव का सामना अवश्य करना पड़ता है. जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है. तनाव को दूर करने के लिए जलेबी का सेवन करना चाहिए. जलेबी मीठी होती है, मीठा मन को खुशनुमा बनाता है.
  • विद्यार्थियों को जलेबी का सेवन अवश्य करना चाहिए. पढ़ाई में ध्यान देते समय उनको काफी तनाव का सामना करना पड़ता है. इससे उनका मन पढ़ाई में लगेगा और तनाव भी दूर होगा.

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या है तो आप डॉक्टर को पूछकर ही जलेबी या किसी भी तरह की मिठाई का सेवन करें. स्वस्थ व्यक्ति जलेबी का आनंद ले सकते हैं.

रामनगर: उत्तराखंड अपनी संस्कृति और खान-पान के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है. यहां की मिठाइयां भी अपनी ही अलग पहचान रखती हैं. बात अगर कुमाऊं की करें तो इस मामले में इसकी बात ही निराली है. यहां की बाल मिठाई हो या सिंगौड़ी या फिर दूध के पेड़े इन्हें कौन नहीं जानता. मगर आज हम आपको इन सबसे इतर कुछ खास बताने जा रहे हैं.

ईटीवी भारत आज आपको रामनगर की मशहूर माहेश्वरी की दुकान की जलेबी के स्वाद का जायका चखाने जा रहा है. रामनगर की इस दुकान में जलेबी का स्वाद लेने कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. माहेश्वरी दुकान के मालिक पिछले 20 सालों से लाजवाब जलेबी बना रहे हैं.

रामनगर की जलेबी

रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान भंडार की मिठाई का स्वाद लेने के दूर-दराज के ग्रामीण यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इन मिठाइयों में यहां की जलेबी बेहद ही खास है. इस जलेबी के स्वाद से लेकर इसके तैयार होने की प्रक्रिया को जानने के लिए हमने माहेश्वरी मिष्ठान भंडार के संचालक विनोद माहेश्वरी से बात की.

पढ़ें- कभी खाया है पिज्जा और चीज बर्गर वाला समोसा, अगर नहीं तो आइए दून Samosewala's

कैसे तैयार की जाती है जलेबी: माहेश्वरी मिष्ठान भंडार के संचालक विनोद माहेश्वरी ने बताया जलेबी तैयार करने के लिए वे लगभग 2 किलो मैदे में 200 ग्राम बेसन, चुटकी भर सोडा और थोड़ा बेकिंग पाउडर डालकर इसमें पानी मिलाते हैं. फिर इसको लगभग 5 मिनट तक गूंथा जाता है. जिससे सारी चीजें मिक्स हो जाती हैं.

विनोद माहेश्वरी ने बताया कि 2 किलो मैदे से 5 किलो से ज्यादा जलेबी तैयार होती है. उन्होंने बताया जलेबी बनाने के लिए चाशनी तैयार की जाती है. जिसके लिए एक बर्तन में लगभग 5 लीटर पानी गर्म करने के साथ ही उसमें 15 किलो चीनी मिलाई जाती है. उसके साथ ही कलर भी मिलाया जाता है. उसको गर्म करके चीनी के घुलने तक पकाया जाता है. जब उसमें तार सी आने लगे तो गैस बंद कर दी जाती है. तब उसे हल्का ठंडा होने दिया जाता है.

पढ़ें- चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, कोकोनट, फायर...किस्म-किस्म के पान हैं यहां, शौकीन हैं तो चले आइए

साथ ही एक कढ़ाई में 2 से 3 लीटर तेल गरम किया जाता है. जब तेल गरम हो जाता है उसके बाद जलेबी के लिए तैयार की गई सामग्री को एक कपड़े में भरा जाता है. इसके बाद उसे करीने से कढ़ाई जलेबी का आकार दिया जाता है. हल्की आंच में जलेबी को 5 मिनट तक सिंकने होने दिया जाता है. जब जलेबी का रंग दोनों तरफ से भूरा होने लगे तो उसे तैयार की गई चाशनी में 1 से 2 मिनट के लिए डाल दिया जाता है. जिससे जलेबी में मिठास आती है. उसके बाद जलेबी खाने को तैयार हो जाती है.

पढ़ें- पान के शौकीनों के लिए खास है ये कैफे, जानें खासियत

20 साल से बेच रहे हैं जलेबी: बता दें विनोद माहेश्वरी 20 साल से जलेबी बेच रहे हैं. इसके साथ ही वे पकौड़ी, मिठाइयां भी बेचते हैं. उनकी दुकान की जलेबी पूरे शहर में मशहूर है. उन्होंने बताया अब उनका बेटा आनंद भी उनके इस काम में उनकी मदद करने लगा है. बड़ी बात ये है कि विनोद माहेश्वरी जैसे ही दुकान पर जलेबी बनाते हैं लोगों की भीड़ लगना शुरू हो जाती है. इस दुकान पर चौबीसों घंटे गरमा-गरम जलेबी उपलब्ध होती है.

पढ़ें- जब गंगा से हार गए थे एडमंड हिलेरी, 'सागर से आकाश' अभियान में हुए थे फेल

लाजवाब है यहां की जलेबी: माहेश्वरी मिष्ठान की जलेबी का स्वाद लेने पहुंचे रामनगर के कय्यूम बताते हैं कि यहां की जलेबी का कोई मुकाबला नहीं है. यहां स्वाद से साथ साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. वहीं, एक और ग्राहक भरत कहते हैं मैं लगभग 13 सालों से माहेश्वरी स्वीट्स की जलेबी का स्वाद ले रहा हूं. यहां की जलेबी एकदम करारी और स्वादिष्ट होती है. बचपन के दिनों के याद करते हुए वे बताते हैं कि जब हम खेल कर आते थे तो कई बार दही जलेबी का नाश्ता यहीं पर होता था.

पढ़ें- फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने चखा पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद, विदेशी मेहमान भी हुए मुरीद

चौबीसों घंटे मिलती है गरमा-गरम जलेबी: वहीं रामनगर के व्यवसाई अब्बु बकर कहते हैं मैं 8 सालों से यहां जलेबी खाने के लिए आ रहा हूं. यह शहर का एक भरोसेमंद प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान है. दूसरा यहां पर चौबीसों घंटे गरमा-गरम जलेबी मिलती है. जिसके कारण यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र से आई माया जोशी भी यहां की जलेबी की फैन हैं. वे भी कई सालों से यहां जलेबी का स्वाद लेने लगातार आती रहती हैं.

पढ़ें- कभी खाया है पिज्जा और चीज बर्गर वाला समोसा, अगर नहीं तो आइए दून Samosewala's

चाशनी में डूबी गरमा-गरम जलेबी और वो भी चौबीसों घंटे, ये खासियत रामनगर के माहेश्वरी मिष्ठान भंडार की है. इसके साथ ही स्वाद से कोई समझौता नहीं, बनाने का तरीका ये वो सब कारण हैं जिसके कारण माहेश्वरी मिष्ठान रामनगर में एक अलग पहचान रखता है.

जलेबी के क्या-क्या फायदे हैं

  • माइग्रेन की समस्या में फायदेमंद: आजकल का जीवन बहुत ही व्यस्त हो गया है. भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित खानपान की वजह से लोगों में माइग्रेन की समस्या बहुत अधिक देखने को मिल रही है. जब किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या होती है, तो उसके आधे सिर में दर्द होने लगता है जो बहुत ही भयंकर होता है. अगर इससे बचना चाहते हैं तो सुबह के समय दूध और जलेबी का सेवन करना चाहिए.
  • पीलिया: अगर किसी व्यक्ति को पीलिया की समस्या है तो उसके लिए जलेबी का सेवन बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. इसके लिए आपको रोजाना सुबह के समय खाली पेट जलेबी का सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से कुछ ही दिनों में पीलिया की समस्या दूर हो जाएगी.
  • तनाव: भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति को तनाव का सामना अवश्य करना पड़ता है. जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है. तनाव को दूर करने के लिए जलेबी का सेवन करना चाहिए. जलेबी मीठी होती है, मीठा मन को खुशनुमा बनाता है.
  • विद्यार्थियों को जलेबी का सेवन अवश्य करना चाहिए. पढ़ाई में ध्यान देते समय उनको काफी तनाव का सामना करना पड़ता है. इससे उनका मन पढ़ाई में लगेगा और तनाव भी दूर होगा.

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या है तो आप डॉक्टर को पूछकर ही जलेबी या किसी भी तरह की मिठाई का सेवन करें. स्वस्थ व्यक्ति जलेबी का आनंद ले सकते हैं.

Last Updated : Sep 2, 2021, 5:54 PM IST
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