नैनीताल : भले ही आज यानि बुधवार को इरफान खान हमारे बीच नहीं रहे. लेकिन इरफान खान का नैनीताल से विशेष लगाव रहा. इरफान खान अक्सर ग्रीष्म काल के दौरान नैनीताल आया करते थे और यहां होने वाले थिएटर महोत्सव की आयोजन समिति के अध्यक्ष भी थे.
इरफान खान का नैनीताल और यहां की वादियों से विशेष नाता रहा है. यहां होने वाले ग्रीष्मकालीन नाटक महोत्सव में शिरकत भी करते थे, इरफान खान करीब 6 बार नैनीताल आए और इस दौरान उन्होंने नैनीताल के बच्चों को थिएटर और एक्टिंग के गुर भी सिखाए. इरफान खान ने अपने नैनीताल के दोस्त इदरीश मलिक, सुनीता अवस्थी के साथ यहां के स्थानीय बच्चों को थिएटर की कक्षाएं देने की योजना भी बनाई थी, लेकिन इससे पहले आज उनका देहांत हो गया.
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इदरीश मलिक बताते हैं कि इरफान खान को नैनीताल समेत आस-पास के क्षेत्रों से इतना लगाव था कि उनके द्वारा नैनीताल के रामगढ़ क्षेत्र में अपने लिए एक घर भी खरीद लिया था और वह अक्सर यहां आ कर रहा करते थे. इदरीश मलिक बताते हैं कि 1984 से लेकर 1987 तक इरफान ने एनएसडी में स्नातक की पढ़ाई की थी. इस दौरान तीन साल न केवल वो इरफान खान के साथ रहे बल्कि एक साथ एक कमरे में भी रहे.
इस दौरान वह एक दूसरे के अच्छे दोस्त हो गए थे और हर सुख दुख में एक दूसरे का साथ निभाते रहते, एनएसडी के तीन वर्षों में उन्होंने उरुभमगं,फुजियामा, इडिपास, काक लोवर डेप्थ सहित 20 से अधिक नाटक किए और फिर 8 साल मुंबई में भी साथ रहे. इस दौरान दोनों ने बनेगी अपनी बात, हमराही, भारत एक खोज, दिल्लगी सहित कई सीरियलों में साथ-साथ काम किया.
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वहीं इरफान की मौत से उनके नैनीताल के दोस्त इदरीश मलिक और सुखमय मजूमदार काफी दुखी हैं. उनके दोस्त बताते हैं कि इरफान जब भी नैनीताल आते थे तो यहां आकर गार्डन हाउस में रुकते थे और इरफान खान को कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी फल बेहद पसंद था और जब भी आते तो यहां खुमानी पुलम जरूर खाते थे.