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काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी ने किया SC के आदेशों का उल्लंघन, HC ने जारी किया नोटिस

नैनीताल हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने पर काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया है और 22 मार्च तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Nainital
नैनीताल
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Published : Mar 7, 2022, 10:37 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है. मामले में हाईकोर्ट ने 22 मार्च तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार काठगोदाम निवासी 70 वर्षीय त्रिलोक सिंह खत्री ने थाना काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी लता खत्री के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. त्रिलोक सिंह खत्री का आरोप है कि जांच अधिकारी लता खत्री ने पॉक्सो एक्ट के तहत पिछले साल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ऐसे में जांच अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है.
पढे़ं- रुद्रपुरः हत्या के आरोप में दो लोग गिरफ्तार, 8 साल पहले हुई भाई की हत्या का लिया बदला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सात साल से कम सजा वाले केस में (जांच अधिकारी) अभियुक्त जांच के लिए बुला सकता है या उसे नोटिस दे सकता है. लेकिन आईओ (investigating officer) काठगोदाम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हुए उन्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया दिया. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर इस आदेश का कोई उल्लंघन करता है, तो उस प्रदेश की हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की जा सकती है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है. मामले में हाईकोर्ट ने 22 मार्च तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार काठगोदाम निवासी 70 वर्षीय त्रिलोक सिंह खत्री ने थाना काठगोदाम थाने के जांच अधिकारी लता खत्री के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. त्रिलोक सिंह खत्री का आरोप है कि जांच अधिकारी लता खत्री ने पॉक्सो एक्ट के तहत पिछले साल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ऐसे में जांच अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सात साल से कम सजा वाले केस में (जांच अधिकारी) अभियुक्त जांच के लिए बुला सकता है या उसे नोटिस दे सकता है. लेकिन आईओ (investigating officer) काठगोदाम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हुए उन्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया दिया. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर इस आदेश का कोई उल्लंघन करता है, तो उस प्रदेश की हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की जा सकती है.

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