हल्द्वानीः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में झंडारोहण किया. जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुए ढकोसला बताया है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दी, लेकिन वहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में वहां झंडारोहण कर दिखावा किया जा रहा है. वहीं, सांसद अजय भट्ट ने झंडे पर राजनीति न करने की नसीहत दी है.
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि गैरसैंण में न सचिवालय है, न हीं अधिकारियों के लिए बैठने के लिए कोई व्यवस्था है. पहाड़ के लोगों को देहरादून आना पड़ रहा है. सरकार महज दिखाया कर रही है. साथ ही कहा कि आपदा के कई दिन बाद मुख्यमंत्री को पिथौरागढ़ के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने याद आई है. ऐसे में अब जाकर क्या फायदा? वहां पर काफी नुकसान हो चुका है. लोगों के आगे संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई. ऐसे में वहां की जनता सरकार को आगामी चुनाव में जोरदार जवाब देने वाली है.
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वहीं, नैनीताल लोकसभा क्षेत्र के सांसद अजय भट्ट ने कहा है कि विपक्ष को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गैरसैंण में मुख्यमंत्री की ओर से की गई झंडारोहण पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. विपक्ष पूरी तरह से बौखला गया है. आजादी की लड़ाई के प्रतीक झंडे को झंडारोहण करना विपक्ष को राजनीति लग रहा है. ऐसे में प्रतीत हो रहा है कि विपक्ष की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है.
मुख्यमंत्री के आपदा ग्रस्त पिथौरागढ़ दौरे को विपक्ष की ओर से सवाल खड़े किए जाने पर अजय भट्ट ने कहा कि आपदा किसी को बताकर नहीं आती है. आपदा के पहले और उसके बाद में सरकार की तैयारियां पूरी होती है. मुख्यमंत्री के जाने से वहां पर राहत कार्य बचाव में बाधा पहुंचता है. ऐसे में आपदा के दौरान मुख्यमंत्री वहां जाकर बेलचा तो नहीं चलाएंगे, ऐसे में विपक्ष को आपदा के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.