हल्द्वानी: हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर दिन सोमवार को रखा जाएगा.इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के साथ व्रत रखती हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने सबसे पहले इस व्रत का पालन किया था. मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा पाठ करने से अखंड सौभाग्य के साथ सभी मनोकामना पूरी होती है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक हरतालिका तीज का व्रत इस बार 18 सितंबर दिन सोमवार को रखा जाएगा.17 सितंबर को दिन में 11 बजकर 10 मिनट पर तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी, जो अगले दिन दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगी.इस प्रकार उदया तिथि को मानते हुए देश भर में हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा. हरतालिका तीज पर विवाहित और अविवाहित महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं. हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है.
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इस दिन स्नान कर व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान की चौकी सजाएं. साथ मे भगवान शिव और मां पार्वती की तस्वीर को चौकी पर रखें और जल का कलश भी स्थापित करें. चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से भगवान को भोग लगाएं और विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.इस दिन सुहागन महिलाएं सुहाग का समान माता पार्वती को अर्पित कर अखंड सौभाग्य की कामना करें. हरतालिका तीज की पूजा स्वाति नक्षत्र में प्रदोष काल में होगी.जब सूर्य अस्त हो रहा उसे समय हरतालिका तीज का पूजा का प्रारंभ करें.