हल्द्वानी: लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में सब्जी और राशन के दामों में तेजी देखी गई थी लेकिन अब धीरे-धीरे बाजार में आवक के चलते दामों में काफी गिरावट देखी जा रही है. मंडियों में सब्जी आवक भरपूर देखी जा रही है, उसके बावजूद भी फुटकर दुकानों पर सब्जी के दामों में काफी महंगाई देखने को मिल रहा है. बड़े व्यापारियों की मानें तो कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी हल्द्वानी में सब्जी की आवक भरपूर देखी जा रही है. आलू-प्याज सहित अन्य सब्जियों की आवक खूब हो रही है लेकिन फुटकर बाजारों में डिमांड नहीं होने के चलते होलसेल सब्जी के दाम लगातार नीचे आ रहे हैं.
बात कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी हल्द्वानी की करें तो यहां से पूरे कुमाऊं मंडल में सब्जियों की सप्लाई की जाती है. व्यापारियों की मानें तो होलसेल और फुटकर के दामों में सब्जी की रेट में काफी अंतर देखा जा रहा है. व्यापारियों के अनुसार पहाड़ों पर सब्जी महंगी हो रही है, क्योंकि वहां सब्जी की पहुंच में किराया ज्यादा लग रहा है. लॉकडाउन के चलते वाहन एक तरफ से खाली जा रहा हैं. सब्जी के दामों के नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने सूची भी जारी की है कि कोई दुकानदार सब्जी के दामों को ऊंचे दाम में ना बेचें. साथ ही जिला प्रशासन सब्जी के दामों पर नियंत्रण के लिए जुर्माने और मुकदमे का करवाई भी कर रहा है, उसके बावजूद भी फुटकर दुकानदार सब्जियों को ऊंचे दामों में बेच रहे हैं.
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होलसेल और फुटकर दामों पर एक नजर
सब्जी | फुटकर (रुपये/किलो) | होलसेल (रुपये/किलो) |
आलू | ₹16 से ₹17 | ₹25 से ₹30 |
प्याज | ₹12 से 13 | ₹30 से ₹40 |
टमाटर | ₹15 से ₹20 | ₹30 से ₹40 |
लौकी | ₹8 से ₹10 | ₹20 से ₹30 |
गोभी | ₹10 से ₹12 | ₹30 से ₹40 |
खीरा | ₹8 से ₹10 | ₹20 से ₹25 |
मटर | ₹30 से ₹35 | ₹50 से ₹60 |
बींस | ₹10 से ₹15 | ₹40 से ₹50 |
हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन चंद्र कार्की ने बताया कि हल्द्वानी मंडी में मैदानी क्षेत्र से भारी मात्रा में सब्जी आ रही है, लेकिन सब्जी खराब होने वाले उत्पादन हैं, ऐसे में कई दुकानदार मुनाफा बढ़ा कर भेजते हैं. जिससे कि उसकी घाटे को पूर्ति की जा सके. साथ ही फुटकर व्यापारियों से चेतावनी भी जारी की जा रही है कि कोई भी फुटकर व्यापारी शासन के जारी रेट लिस्ट से अधिक दामों में सब्जी न बेचे.
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पहाड़ों पर आलू और प्याज के दामों में कोई बढ़ोतरी न हो इसको लेकर कई जगह पर प्रशासन ने काउंटर भी लगाए हैं, जिससे कि लोगों को उचित दामों में आलू और प्याज उपलब्ध हो सके.