रामनगर: कुमाऊं के प्रवेश द्वार रामनगर में फाल्गुन महीने की होली एकादशी के दिन से शुरू हो गई है. इसी कड़ी में एकादशी के दिन से गावों में देर रात तक कुमाऊंनी होली गीतों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में लोगों पर होली का खुमार अब परवान चढ़ने लगा है. लोग कुमाऊंनी में खड़ी होली गीतों का गायन कर रहे है. वहीं, लोग हारमोनियम और ढोल-दमाऊ की थाप पर थिरकते नजर आ रहे हैं.
रामनगर में फाल्गुन महीने की होली का आरंभ एकादशी के दिन से ही हो जाता है. देर रात तक लोगों की कुमाऊं में खड़ी होली गीतों की महफिल सजने लगती है. इसी कड़ी में कुमाऊं के प्रवेश द्वार रामनगर में भी होली के गीत, राग और रंगों की जुगलबंदी भी शुरू हो चुकी है. हालांकि कुमाऊं में होली गायन की परंपरा पौष मास के पहले रविवार से शुरू हो जाती है, लेकिन फाल्गुन मास में होली की शुरुआत एकादशी के दिन खड़ी होली के गायन के साथ शुरू होती है.
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वहीं, ग्रामीणों का कहना है, कि खड़ी होली गायन की बहुत ही पुरानी परंपरा है. रामनगर के ब्लॉक प्रमुख और प्रतिनिधि इंदर रावत के नेतृत्व में होलियार कुमाऊंनी खड़ी होली गायन घर-घर जा कर करते हैं. इस समय क्षेत्र के पिरूमदारा में लोक गायकों की होली गायन का स्थानीय खूब आनंद ले रहे हैं. इंदर रावत का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य अपनी इस संस्कृति को बचाना और आने वाली पीढ़ी को इससे रूबरू कराना है, साथ ही आने वाली पीढ़ी इस संस्कृति को जान सके और उसे आगे बढ़ा सके. लोगों की मानें तो स्थानीय लोग सारे तनाव भूलकर और मिलजुल कर होली का पर्व बड़े ही मौज-मस्ती के साथ से मनाते हैं.