हल्द्वानी: नैनीताल जिले में एचआईवी से ग्रसित महिलाओं ने नई तकनीकी और सही इलाज करवाकर स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है. एड्स से ग्रसित 15 महिलाओं ने स्वस्थ बच्चे पैदा किए हैं जो एचआईवी से ग्रसित नहीं हैं. इसके लिए पति और पत्नी को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ी.
सुशीला तिवारी एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि एचआईवी ग्रसित महिलाओं का मां बनना अब कोई अभिशाप नहीं है. समय पर इलाज और जागरुकता से एचआईवी ग्रसित महिला भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं. अगर पति-पत्नी एचआईवी से ग्रसित हैं तो उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो सकता है.
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एचआईवी ग्रसित महिलाओं में उसके बच्चे के अस्वस्थ होने की 2 प्रतिशत संभावना रहती है. नैनीताल जिले में वर्ष 2018 में 8 एचआईवी गर्भवती महिलाओं ने स्वस्थ बच्चे पैदा किए, जिसमें 6 बच्चे स्वस्थ हैं जबकि 2 बच्चे अन्य कारणों से नहीं रहे. साल 2019 जनवरी से अक्टूबर तक एचआईवी से 7 ग्रसित महिलाओं ने 7 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया.
डॉ. अशोक कुमार के अनुसार, बच्चों के जन्म के दौरान उनको डेढ़ महीने तक दवाइयां पिलाई जाती हैं. इसके बाद उस बच्चे की ईआईडी कराई जाती है. रिपोर्ट की जांच को दिल्ली भेजा जाता है. साल 2019 में गर्भवती महिलाओं में 5 महिलाओं का प्रसव सुशीला तिवारी अस्पताल में हुआ है, जबकि 2 महिलाओं का प्रसव महिला बेस अस्पताल में कराया गया.