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हिंदी दिवस स्पेशल: इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को मिला बढ़ावा

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है. हिंदी भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में बोली जाती है. हिंदी हमारी 'राजभाषा' है. हिंदी हमें दुनिया भर में सम्मान दिलाती है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिंदी भारत की राजभाषा होगी. इसके बाद राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

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Published : Sep 13, 2019, 5:04 PM IST

Updated : Sep 14, 2019, 6:19 AM IST

हल्द्वानी: 14 सितंबर यानी आज पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी भाषा दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है. ऐसे में इसको और बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है. लेकिन बदलते दौर में हिंदी का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है. जानकार भी मानते हैं कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी का और प्रचार-प्रसार बड़ा है. हिंदी भाषा मजबूत स्थिति में है.

एक समय ऐसा था जब सोशल मीडिया पर अंग्रेजी भाषा का प्रयोग ज्यादा होता था. लोगों में अंग्रेजी के प्रति रुझान बढ़ा रहा था, लेकिन बदलते दौर में इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से ऐसा लगा कि हिंदी को बड़ा खतरा हो सकता है, लेकिन इंटरनेट आने से हिंदी को खतरा कम हिंदी का प्रचार-प्रसार ज्यादा मिला है.

एमबीपीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. संतोष मिश्रा का कहना है कि दिवस मनाना एक परंपरा है. आज के समय में विश्व में हिंदी भाषा को सबसे ज्यादा मजबूत भाषा मानी जा रही है. क्योंकि हिंदी कई देशों में बोली जाती है. इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को और प्रचार-प्रसार का जरिया मिल गया है. यही नहीं हिंदी भाषा में पूरे बाजार में अपनी पकड़ बना रखी है. बाजार में हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा मिल रहा है. प्रोडक्ट बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपना प्रचार प्रसार हिंदी में करती हैं. कंपनियों के अधिकतर विज्ञापन (स्लोगन) का जरिया हिंदी ही है.

इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को मिला बढ़ावा.

फिल्मी जगत हो या मीडिया जगत, प्रिंट मीडिया हो या सोशल मीडिया, हर जगह हिंदी का प्रयोग हो रहा है. जिसके चलते हिंदी भाषा का और बढ़ावा मिला है. यही नहीं युवा पीढ़ी भी सोशल मीडिया पर हिंदी का ही प्रयोग कर रही है.

हिंदी भाषा को सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ लिए जाने का कारण यह भी है कि हिंदी भाषा अभिव्यक्ति का एक बेहतरीन माध्यम है. इससे भावनाओं को समझने के लिए असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता और लिखी गई बात पाठक तक उसी भाव में पहुंचती है जिस भाव के साथ उसे लिखा गया हैं.

पढ़ें- बीजेपी के हिमालय दिवस पर कांग्रेसी बोले- नारा लगाने और दीप जलाने से नहीं बचेगा हिमालय

कुछ साल पहले तक विश्व में 80 करोड़ लोग हिंदी समझते और 50 करोड लोग बोलते थे. जबकि 35 करोड़ लोग हिंदी लिखते थे, लेकिन सोशल मीडिया पर अब जिस हिंदी को बढ़ावा मिल रहा है उससे अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं में भी हिंदी का आकर्षण बढ़ा है. भारत में इंटरनेट सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि हिंदी को बढ़ावा मिला है.

हिंदी दिवस की शुरुआत कब से ?
आजादी मिलने के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्‍दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया. भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्‍याय की धारा 343 (1) में हिन्‍दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है. 'संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा.'

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत कई सौ साल तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. इसी वजह से उस गुलामी का असर लंबे समय तक देखने को मिला. यहां तक कि इसका प्रभाव भाषा पर प्रभाव पड़ा. वैसे तो हिंदी विश्व की चौथी ऐसी भाषा है. जिसे लोग सबसे ज्यादा बोलते हैं, लेकिन इसके बावजूद हिंदी को अपने ही देश में हीन भावना से देखा जाता है.

हल्द्वानी: 14 सितंबर यानी आज पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी भाषा दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है. ऐसे में इसको और बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है. लेकिन बदलते दौर में हिंदी का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है. जानकार भी मानते हैं कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी का और प्रचार-प्रसार बड़ा है. हिंदी भाषा मजबूत स्थिति में है.

एक समय ऐसा था जब सोशल मीडिया पर अंग्रेजी भाषा का प्रयोग ज्यादा होता था. लोगों में अंग्रेजी के प्रति रुझान बढ़ा रहा था, लेकिन बदलते दौर में इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से ऐसा लगा कि हिंदी को बड़ा खतरा हो सकता है, लेकिन इंटरनेट आने से हिंदी को खतरा कम हिंदी का प्रचार-प्रसार ज्यादा मिला है.

एमबीपीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. संतोष मिश्रा का कहना है कि दिवस मनाना एक परंपरा है. आज के समय में विश्व में हिंदी भाषा को सबसे ज्यादा मजबूत भाषा मानी जा रही है. क्योंकि हिंदी कई देशों में बोली जाती है. इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को और प्रचार-प्रसार का जरिया मिल गया है. यही नहीं हिंदी भाषा में पूरे बाजार में अपनी पकड़ बना रखी है. बाजार में हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा मिल रहा है. प्रोडक्ट बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपना प्रचार प्रसार हिंदी में करती हैं. कंपनियों के अधिकतर विज्ञापन (स्लोगन) का जरिया हिंदी ही है.

इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को मिला बढ़ावा.

फिल्मी जगत हो या मीडिया जगत, प्रिंट मीडिया हो या सोशल मीडिया, हर जगह हिंदी का प्रयोग हो रहा है. जिसके चलते हिंदी भाषा का और बढ़ावा मिला है. यही नहीं युवा पीढ़ी भी सोशल मीडिया पर हिंदी का ही प्रयोग कर रही है.

हिंदी भाषा को सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ लिए जाने का कारण यह भी है कि हिंदी भाषा अभिव्यक्ति का एक बेहतरीन माध्यम है. इससे भावनाओं को समझने के लिए असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता और लिखी गई बात पाठक तक उसी भाव में पहुंचती है जिस भाव के साथ उसे लिखा गया हैं.

पढ़ें- बीजेपी के हिमालय दिवस पर कांग्रेसी बोले- नारा लगाने और दीप जलाने से नहीं बचेगा हिमालय

कुछ साल पहले तक विश्व में 80 करोड़ लोग हिंदी समझते और 50 करोड लोग बोलते थे. जबकि 35 करोड़ लोग हिंदी लिखते थे, लेकिन सोशल मीडिया पर अब जिस हिंदी को बढ़ावा मिल रहा है उससे अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं में भी हिंदी का आकर्षण बढ़ा है. भारत में इंटरनेट सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि हिंदी को बढ़ावा मिला है.

हिंदी दिवस की शुरुआत कब से ?
आजादी मिलने के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्‍दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया. भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्‍याय की धारा 343 (1) में हिन्‍दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है. 'संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा.'

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत कई सौ साल तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. इसी वजह से उस गुलामी का असर लंबे समय तक देखने को मिला. यहां तक कि इसका प्रभाव भाषा पर प्रभाव पड़ा. वैसे तो हिंदी विश्व की चौथी ऐसी भाषा है. जिसे लोग सबसे ज्यादा बोलते हैं, लेकिन इसके बावजूद हिंदी को अपने ही देश में हीन भावना से देखा जाता है.

Intro:sammry- हिंदी दिवस स्पेशल-: इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को और मिला बढ़ावा।

एंकर- 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है । हिंदी भाषा दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है । ऐसे में इसको और बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। लेकिन बदलते दौर में हिंदी का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है। जानकार भी मानते हैं कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी का और प्रचार-प्रसार बड़ा है। और हिंदी भाषा मजबूत स्थिति में है।


Body:एक समय ऐसा था जब सोशल मीडिया पर ज्यादा अंग्रेजी भाषा का प्रयोग होता था। लोगों मेंअंग्रेजी के प्रति रुझान बढ़ा रहा था। लेकिन बदलते दौर में इंटरनेट और सोशल मीडिया की आने से ऐसा लगा कि हिंदी को बड़ा खतरा हो सकता है लेकिन इंटरनेट आने से हिंदी को खतरा कम हिंदी का प्रचार-प्रसार ज्यादा मिला है। एमबीपीजी के प्रोफेसर डॉ संतोष मिश्रा का कहना है कि दिवस मनाना एक परंपरा है। आज के समय में विश्व में हिंदी भाषा को सबसे ज्यादा मजबूत भाषा माना जा रहा है। क्योंकि हिंदी कई देशों में बोली जाती है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को और प्रचार-प्रसार का जरिया मिल गया है। यही नहीं हिंदी भाषा में पूरे बाजार में अपनी पकड़ बना रखी हैं। बाजार में हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा मिल रहा है चाहे वह बड़ी-बड़ी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियां हो सभी अपना प्रचार प्रसार हिंदी में करती हैं। कंपनियों के अधिकतर विज्ञापन स्लोगन जरिया हिंदी है।
फिल्म जगत हो या मीडिया जगत, प्रिंट मीडिया हो या सोशल मीडिया, हर जगह हिंदी का प्रयोग हो रहा है जिसके चलते हिंदी भाषा का और बढ़ावा मिला है। यही नहीं युवा पीढ़ी भी सोशल मीडिया ने अपना काम हिंदी का ही प्रयोग कर रहा है।
हिंदी भाषा को सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ लिए जाने का कारण यह भी है कि हिंदी भाषा अभिव्यक्त का एक बेहतरीन माध्यम है इसके भावनाओं को समझने के लिए असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता और लिखी गई बात पाठक तक उसी भाव में पहुंचती है जिस भाव के साथ उसे लिखा गया है ।


Conclusion:कुछ साल पहले तक विश्व में 80 करोड़ लोग हिंदी समझते और 50 करोड लोग बोलते थे जबकि 35 करोड़ लोग हिंदी में लिखते थे। लेकिन सोशल मीडिया पर हिंदी के बढ़ते इस्तेमाल के चलते अब अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं में हिंदी का आकर्षण बढ़ा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोग करता है। यही कारण है कि हिंदी को बढ़ावा मिला है।
सोशल मीडिया पर हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार का गति इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंग्रेजी का अच्छा खासा ज्ञान रखने वाले युवा भी अब सोशल मीडिया पर अपनी बातों को ज्यादा से ज्यादा रखने के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
Last Updated : Sep 14, 2019, 6:19 AM IST
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