हल्द्वानी: 14 सितंबर यानी आज पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी भाषा दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है. ऐसे में इसको और बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है. लेकिन बदलते दौर में हिंदी का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है. जानकार भी मानते हैं कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी का और प्रचार-प्रसार बड़ा है. हिंदी भाषा मजबूत स्थिति में है.
एक समय ऐसा था जब सोशल मीडिया पर अंग्रेजी भाषा का प्रयोग ज्यादा होता था. लोगों में अंग्रेजी के प्रति रुझान बढ़ा रहा था, लेकिन बदलते दौर में इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से ऐसा लगा कि हिंदी को बड़ा खतरा हो सकता है, लेकिन इंटरनेट आने से हिंदी को खतरा कम हिंदी का प्रचार-प्रसार ज्यादा मिला है.
एमबीपीजी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. संतोष मिश्रा का कहना है कि दिवस मनाना एक परंपरा है. आज के समय में विश्व में हिंदी भाषा को सबसे ज्यादा मजबूत भाषा मानी जा रही है. क्योंकि हिंदी कई देशों में बोली जाती है. इंटरनेट और सोशल मीडिया के आने से हिंदी को और प्रचार-प्रसार का जरिया मिल गया है. यही नहीं हिंदी भाषा में पूरे बाजार में अपनी पकड़ बना रखी है. बाजार में हिंदी भाषा को लगातार बढ़ावा मिल रहा है. प्रोडक्ट बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपना प्रचार प्रसार हिंदी में करती हैं. कंपनियों के अधिकतर विज्ञापन (स्लोगन) का जरिया हिंदी ही है.
फिल्मी जगत हो या मीडिया जगत, प्रिंट मीडिया हो या सोशल मीडिया, हर जगह हिंदी का प्रयोग हो रहा है. जिसके चलते हिंदी भाषा का और बढ़ावा मिला है. यही नहीं युवा पीढ़ी भी सोशल मीडिया पर हिंदी का ही प्रयोग कर रही है.
हिंदी भाषा को सोशल मीडिया पर हाथों-हाथ लिए जाने का कारण यह भी है कि हिंदी भाषा अभिव्यक्ति का एक बेहतरीन माध्यम है. इससे भावनाओं को समझने के लिए असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता और लिखी गई बात पाठक तक उसी भाव में पहुंचती है जिस भाव के साथ उसे लिखा गया हैं.
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कुछ साल पहले तक विश्व में 80 करोड़ लोग हिंदी समझते और 50 करोड लोग बोलते थे. जबकि 35 करोड़ लोग हिंदी लिखते थे, लेकिन सोशल मीडिया पर अब जिस हिंदी को बढ़ावा मिल रहा है उससे अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं में भी हिंदी का आकर्षण बढ़ा है. भारत में इंटरनेट सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि हिंदी को बढ़ावा मिला है.
हिंदी दिवस की शुरुआत कब से ?
आजादी मिलने के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया. भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है. 'संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा.'
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत कई सौ साल तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. इसी वजह से उस गुलामी का असर लंबे समय तक देखने को मिला. यहां तक कि इसका प्रभाव भाषा पर प्रभाव पड़ा. वैसे तो हिंदी विश्व की चौथी ऐसी भाषा है. जिसे लोग सबसे ज्यादा बोलते हैं, लेकिन इसके बावजूद हिंदी को अपने ही देश में हीन भावना से देखा जाता है.