नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल समेत पहाड़ी पर्यटक स्थलों पर तेजी से बढ़ रही वाहन दुर्घटनाओं को रोकने और पर्यटकों को सुरक्षित रखने को लेकर नैनीताल पुलिस ने नया कदम उठाया है. नैनीताल एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि पुलिस नैनीताल में नए पर्यटन सीजन से नई व्यवस्था लागू करने जा रही है. जिन पर्यटकों के पास हिल ड्राइविंग लाइसेंस होगा उन्हीं को अपने वाहन से आने की अनुमति होगी.
हादसों को थामने की कोशिश: पहाड़ में घूमने के आनंद के साथ दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहता है. इस दौरान दुर्घटनाओं से बचा जा सके, इसके लिए नैनीताल पुलिस अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों के लिए हिल डीएल जरूरी करने की योजना बना रही है. दूसरे राज्यों से आने वाले अधिकांश पर्यटक हल्द्वानी से होते हुए नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर की ओर निकलते हैं. सर्वे में सामने आया है कि मैदानी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को पर्वतीय सड़कों पर वाहन चलाने का अनुभव नहीं होने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं.
नैनीताल जिले में चार में साल में 651 हादसे: बीते चार साल की बात करें तो नैनीताल में 651 वाहन दुर्घटनाओं में 305 की मौत हुई और 561 लोग घायल हुए. पुलिस अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों के डीएल की जांच काठगोदाम के पास करेगी.
पढ़ें-Chardham Yatra 2023: देश के चार बड़े मंदिरों की व्यवस्था का अध्ययन करेगी टीम, ये है मकसद
सफर के लिए हिल डीएल जरूरी: जिनके पास हिल डीएल नहीं होंगे, उन्हें आगे नहीं जाने दिया जाएगा. वहीं नई व्यवस्था लागू करने के मामले पर एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि पर्वतीय हिस्सों में होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस की योजना बनाई गई है. पहले चरण में योजना का प्रचार प्रसार होगा. पर्यटन सीजन से पूर्व व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जाएगी. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 4 साल में कुमाऊं के पहाड़ी क्षेत्रों में 1983 से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 1,174 पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं.