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बदहाल क्वारंटाइन सेंटर पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब - मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों को लेकर दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 14 दिन के भीतर जवाब मांगा है.

Covid-19 PIL nainital high court
नैनीताल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Jun 2, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 6:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के रहने के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों की कमियों को दुरुस्त करने को कहा है. साथ ही राज्य सरकार को 14 दिन के अंदर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बदहाल क्वारंटाइन सेंटर पर हाईकोर्ट सख्त.

उत्तराखंड के बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. साथ ही याचिका में कहा कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं. सरकार के द्वारा वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है और न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड है. जिससे क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति बेहतर नहीं हो पा रही है.

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह प्रदेश के सभी डीएम के माध्यम से ग्राम प्रधानों को क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था को ठीक करने के लिए फंड मुहैया करवाएं. साथ ही सभी सेंटरों में साफ-सफाई व खाने-पीने की व्यवस्था भी दुरुस्त करें. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि इस मामले में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

पढ़ें- हरिद्वार: प्रणव पांड्या पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता का 164 के तहत बयान दर्ज

वहीं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जो 11 हजार कोरोना टेस्टिंग किट उपलब्ध कराए गए हैं, उनमें से कितने की रिपोर्ट आ चुकी है और कितने प्रयोग किए जा चुके हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर इन क्वारंटाइन सेंटरों में जो कमियां है, उन सभी कमियों को 14 दिन के अंदर दूर कर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.

बता दें, हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है. लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है.

इसके साथ ही देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और हाई कोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए आज राज्य सरकार को क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए हैं कि जिन 604 अस्पतालों को राज्य सरकार के द्वारा कोविड-19 सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है उन अस्पतालों को पैसे न दें.

नैनीताल: उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के रहने के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों की कमियों को दुरुस्त करने को कहा है. साथ ही राज्य सरकार को 14 दिन के अंदर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बदहाल क्वारंटाइन सेंटर पर हाईकोर्ट सख्त.

उत्तराखंड के बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. साथ ही याचिका में कहा कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं. सरकार के द्वारा वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है और न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड है. जिससे क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति बेहतर नहीं हो पा रही है.

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह प्रदेश के सभी डीएम के माध्यम से ग्राम प्रधानों को क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था को ठीक करने के लिए फंड मुहैया करवाएं. साथ ही सभी सेंटरों में साफ-सफाई व खाने-पीने की व्यवस्था भी दुरुस्त करें. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि इस मामले में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

पढ़ें- हरिद्वार: प्रणव पांड्या पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता का 164 के तहत बयान दर्ज

वहीं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जो 11 हजार कोरोना टेस्टिंग किट उपलब्ध कराए गए हैं, उनमें से कितने की रिपोर्ट आ चुकी है और कितने प्रयोग किए जा चुके हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर इन क्वारंटाइन सेंटरों में जो कमियां है, उन सभी कमियों को 14 दिन के अंदर दूर कर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.

बता दें, हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है. लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है.

इसके साथ ही देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और हाई कोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए आज राज्य सरकार को क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए हैं कि जिन 604 अस्पतालों को राज्य सरकार के द्वारा कोविड-19 सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है उन अस्पतालों को पैसे न दें.

Last Updated : Jun 2, 2020, 6:33 PM IST
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