नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कई शिक्षकों को 12 जुलाई 2023 को दी गई सेवानिवृत्ति को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने व याचिकाकर्ताओं से उस पर प्रतिशपथ पत्र दायर करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त निर्धारित की गई है.
मामले के अनुसार 4 जुलाई को उत्तराखंड के कृषि सचिव दीपेंद्र चौधरी की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार पंतनगर विश्वविद्यालय के कई शिक्षक जिनकी अधिकतम आयु 60 वर्ष हो गई थी, उन्हें तत्काल सेवानिवृत करने के निर्देश दिए गए थे.आदेश में कहा गया था कि विश्वविद्यालय अधिनियम 1958 की धारा-28 सी के अनुसार जिन पदधारकों की नियुक्ति प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, रीडर असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रवक्ता के पद पर नहीं हुई है उन्हें कक्षागत शिक्षण की श्रेणी में सम्मिलित नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें कक्षागत शिक्षकों की भांति 65 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जा सकता है.
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विश्वविद्यालय का शिक्षक एक पूर्णकालिक कार्मिक होगा, विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत वेतनमान अनुमन्य होगा तथा वेतनमान एवं अन्य भत्तों के संबंध में राज्य सरकार के आदेश प्रभावी होंगे. विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश कषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अधिनियम, 1958 (उत्तराखंड राज्य में यथा प्रवृत्त) में वर्णित प्रावधानों व इस सम्बन्ध में जारी किये गए. उपरोक्त वर्णित शासनादेश से इतर जाकर लिए गए निर्णय शून्य व निष्प्रभावी हैं. इस संबंध में अनियमित रूप से या किसी अन्य विधि से नियुक्त कार्मिकों व सीनियर रिसर्च एसोसिएट, जूनियर रिसर्च एसोसिएट, सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट, टेक्निकल असिस्टेंट को शिक्षक न मानते हुए उन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त करने के निर्देश हुए थे.
इस आदेश को दिनेश चंद्र डिमरी,अनिल सैनी,मदन पाल सिंह,डॉ. विनोद कुमार सहित कई अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जिसमें वर्ष 2012 के शासनादेश का भी उल्लेख है और 65 वर्ष की आयु सेवानिवृत्ति के लिए तय है.मामलों की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार से तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं को प्रति उत्तर दाखिल करना है.