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प्रधानमंत्री फसल बीमा के गलत आंकड़ों पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से जवाब तलब

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया गया था. लेकिन डेटा उपलब्ध कराने वाली मुंबई की कंपनी द्वारा गलत आंकड़े दिए गए. इस वजह से जिले के किसानों को फसल बीमा का बहुत कम पैसा दिया गया और किसी किसान को तो दिया ही नहीं गया. इस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Feb 23, 2022, 1:02 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के रुपए के गलत आंकड़े पेश कर कम दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने सरकार से 9 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी अजीत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिले के 42 हजार 300 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत खरीफ की फसल का 2020 में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया था.

पढ़ें-वन गुर्जरों पर दिए आदेश का पालन नहीं होने से हाईकोर्ट नाराज, 2 मार्च को अगली सुनवाई

लेकिन डेटा उपलब्ध कराने वाली मुंबई की कंपनी द्वारा गलत आंकड़े दिए गए. जिसकी वजह से जिले के किसानों को फसल बीमा का बहुत कम पैसा दिया गया और किसी किसान को तो दिया ही नहीं गया. जब इसकी शिकायत पीएमओ से की गई तो यह मामला संसद में भी उठा. किसानों द्वारा एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई करने और किसानों को हुए नुकसान का पैसा दिलाये जाने की मांग जनहित याचिका में की गई है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के रुपए के गलत आंकड़े पेश कर कम दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने सरकार से 9 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी अजीत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिले के 42 हजार 300 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत खरीफ की फसल का 2020 में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया था.

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लेकिन डेटा उपलब्ध कराने वाली मुंबई की कंपनी द्वारा गलत आंकड़े दिए गए. जिसकी वजह से जिले के किसानों को फसल बीमा का बहुत कम पैसा दिया गया और किसी किसान को तो दिया ही नहीं गया. जब इसकी शिकायत पीएमओ से की गई तो यह मामला संसद में भी उठा. किसानों द्वारा एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई करने और किसानों को हुए नुकसान का पैसा दिलाये जाने की मांग जनहित याचिका में की गई है.

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