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फर्जी शिक्षक नियुक्ति: दस्तावेज जांचकर कोर्ट में पेश करनी होगी विस्तृत रिपोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सख्त रुख अपनाया है. सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

Nainital High Court
नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Nov 23, 2020, 7:56 PM IST

नैनीताल: प्राइमरी स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.

बता दें कि हल्द्वानी की स्टूडेंट गार्डन वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश भर में 3,500 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है. जिस पर विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. साल 2018 में एसआईटी के द्वारा मामले में जांच की गई, जिसमें लगभग 100 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. लेकिन अबतक विभाग ने इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है.

पढ़ें- कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ऋषिकेश AIIMS में भर्ती

याचिकाकर्ताओं ने फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले की उच्चस्तरीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की मांग की है. साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की गई है जिन लोगों के द्वारा फर्जी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को गलत होने के बावजूद सही दिखाया गया.

नैनीताल: प्राइमरी स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.

बता दें कि हल्द्वानी की स्टूडेंट गार्डन वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश भर में 3,500 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है. जिस पर विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. साल 2018 में एसआईटी के द्वारा मामले में जांच की गई, जिसमें लगभग 100 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. लेकिन अबतक विभाग ने इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है.

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याचिकाकर्ताओं ने फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले की उच्चस्तरीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की मांग की है. साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की गई है जिन लोगों के द्वारा फर्जी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को गलत होने के बावजूद सही दिखाया गया.

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