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केदारनाथ हेली सेवा टेंडर मामले में HC ने तीन हफ्ते में मांगा जवाब - Irregularity in Kedarnath Heli service tender case

केदारनाथ में हेली सेवा टेंडर में हुई अनियमितता का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.

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केदारनाथ हेली सेवा टेंडर मामले में सख्त हुआ हाईकोर्ट
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Published : Feb 26, 2021, 4:48 PM IST

नैनीताल: केदारनाथ में हेली सेवाओं के टेंडर में हुई अनियमितता के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र, राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय समेत 8 हेली कंपनियों को नोटिस जारी कर सभी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं.

बता दें कि दिल्ली निवासी ए श्रीनिवासन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बीते वर्ष मार्च-अप्रैल में सिविल एविएशन विभाग ने केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया की थी. इसमें टेंडर सिविल एविएशन के नाम पर कई अनियमितताएं हुईं. सिविल एविएशन हेली कंपनियों के पास टेंडर की शर्तों के आधार पर ना तो अतिरिक्त हेलीकॉप्टर हैं और न ही इनके पायलटों के पास अनुभव प्रमाण पत्र हैं. जबकि टेंडर में कई अन्य तरह की अनियमितताएं भी की गई हैं. लिहाजा इस टेंडर प्रक्रिया को खारिज किया जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड हादसे में लापता मजदूर के परिवार को नेहा कक्कड़ ने ₹ 3 लाख दिए

मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने केंद्र, राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय समेत 8 हेली कंपनियों को नोटिस जारी सभी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं.

नैनीताल: केदारनाथ में हेली सेवाओं के टेंडर में हुई अनियमितता के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र, राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय समेत 8 हेली कंपनियों को नोटिस जारी कर सभी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं.

बता दें कि दिल्ली निवासी ए श्रीनिवासन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बीते वर्ष मार्च-अप्रैल में सिविल एविएशन विभाग ने केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया की थी. इसमें टेंडर सिविल एविएशन के नाम पर कई अनियमितताएं हुईं. सिविल एविएशन हेली कंपनियों के पास टेंडर की शर्तों के आधार पर ना तो अतिरिक्त हेलीकॉप्टर हैं और न ही इनके पायलटों के पास अनुभव प्रमाण पत्र हैं. जबकि टेंडर में कई अन्य तरह की अनियमितताएं भी की गई हैं. लिहाजा इस टेंडर प्रक्रिया को खारिज किया जाए.

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मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने केंद्र, राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय समेत 8 हेली कंपनियों को नोटिस जारी सभी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं.

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