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हरिद्वार में आरक्षित भूमि पर पानी की टंकी ना बनाने वाली याचिका को HC ने किया खारिज, जानें वजह - न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल

नैनीताल हाईकोर्ट में आज निजामपुर में पानी की टंकी के लिए आरक्षित भूमि पर पानी की टंकी ना बनाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने विपक्षी पक्षकार पेयजल निगम के तथ्यों से सहमत होते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. Uttarakhand High Court

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 1, 2023, 4:41 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के निजामपुर ग्राम में पानी की टंकी के लिए आरक्षित भूमि पर पानी की टंकी नहीं बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने विपक्षी पक्षकार पेयजल निगम के तथ्यों से सहमत होते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.

पेयजल निगम ने जनहित याचिका निरस्त करने की उठाई मांग: आज सुनवाई के दौरान पेयजल निगम ने कोर्ट को अवगत कराया कि निगम ने पानी की टंकी के लिए आरक्षित भूमि के बजाय टंकी का निर्माण किसी अन्य खसरा खतौनी पर कर दिया है. इसलिए जनहित याचिका को निरस्त किया जाये. निगम के इस कथन पर सहमत होते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निरस्त कर दिया.

ये भी पढ़ें: काशीपुर में नर्सिंग कॉलेज खोलने का मामला, HC ने याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का दिया निर्देश

निजामपुर निवासी पवन सिंह ने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार हरिद्वार के निजामपुर निवासी पवन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि चकबंदी के दौरान ग्राम की हरिजन बस्ती के लिए एक खसरा और दूसरा खसरा पानी की टंकी के लिए आरक्षित किया गया था. लेकिन पेयजल निगम ने पानी की टंकी के लिए आरक्षित खसरे में टंकी का निर्माण न करके किसी अन्य खसरे पर पानी की टंकी का निर्माण कर दिया है. जिस पर रोक लगाई जाए. वहीं, इससे पहले हाईकोर्ट में काशीपुर में नियमों को ताक पर रखकर नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए दी जा रही अनुमति को लेकर सुनवाई हुई थी.

ये भी पढ़ें: बलियानाला भूस्खलन मामले में HC सख्त, सरकार को ट्रीटमेंट के लिए 24 घंटे के अंदर टेंडर निकालने के आदेश

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के निजामपुर ग्राम में पानी की टंकी के लिए आरक्षित भूमि पर पानी की टंकी नहीं बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने विपक्षी पक्षकार पेयजल निगम के तथ्यों से सहमत होते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.

पेयजल निगम ने जनहित याचिका निरस्त करने की उठाई मांग: आज सुनवाई के दौरान पेयजल निगम ने कोर्ट को अवगत कराया कि निगम ने पानी की टंकी के लिए आरक्षित भूमि के बजाय टंकी का निर्माण किसी अन्य खसरा खतौनी पर कर दिया है. इसलिए जनहित याचिका को निरस्त किया जाये. निगम के इस कथन पर सहमत होते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निरस्त कर दिया.

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निजामपुर निवासी पवन सिंह ने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार हरिद्वार के निजामपुर निवासी पवन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि चकबंदी के दौरान ग्राम की हरिजन बस्ती के लिए एक खसरा और दूसरा खसरा पानी की टंकी के लिए आरक्षित किया गया था. लेकिन पेयजल निगम ने पानी की टंकी के लिए आरक्षित खसरे में टंकी का निर्माण न करके किसी अन्य खसरे पर पानी की टंकी का निर्माण कर दिया है. जिस पर रोक लगाई जाए. वहीं, इससे पहले हाईकोर्ट में काशीपुर में नियमों को ताक पर रखकर नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए दी जा रही अनुमति को लेकर सुनवाई हुई थी.

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