नैनीताल: देहरादून में अतिक्रमण के खिलाफ जनहित याचिका और याचिकाकर्ता को जान से मारने की धमकी देने के मामले पर उत्तराखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एसएसपी देहरादून को याचिकाकर्ता, उसकी संपति और परिवारजनों को सुरक्षा मुहैय्या कराने के निर्देश दिए. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई. पूर्व में भी कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एसएसपी देहरादून को याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इस बीच उसकी सुरक्षा हटा दी गयी थी.
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सुरक्षा हटाये जाने के कुछ ही समय बाद अतिक्रमणकारियों ने उसे और उसके परिवारजनों के साथ मारपीट की. जिसकी शिकायत उसने अपने अधिवक्ता से की. अधिवक्ता ने यह बात आज कोर्ट के सम्मुख रखी. बता दें कि देहरादून निवासी आकाश यादव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2018 में उच्च न्यायालय ने मनमोहन लखेरा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए देहरादून की सड़कों, गलियों, नालियों और रिस्पना नदी से अतिक्रमण हटाकर उसे पुराने स्वरूप में लाने के आदेश दिए थे.
जिसके बाद प्रशासन ने घंटाघर सहित कई स्थानों से अतिक्रमण हटाया, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों ने कई स्थानों पर पुनः अतिक्रमण कर लिया. जिसके कारण रोड, नालियां, गलियां सहित कई मार्ग संकरी हो गयी है और चलने तक का रास्ता नहीं बचा है.