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नैनीताल: हरिद्वार कुंभ में व्यवस्थाओं को लेकर हाई कोर्ट सख्त, जिला निगरानी कमेटी बनाने के आदेश

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Published : Mar 5, 2021, 7:49 PM IST

हरिद्वार में कुंभ की तैयारियों को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जिला निगरानी कमेटी बनाने के आदेश भी दिए हैं.

Nainital High Court
Nainital High Court

नैनीताल: कुंभ मेले की तैयारी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एक बार से राज्य सरकार को अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जिला जज हरिद्वार, डीएम हरिद्वार, मेला अधिकारी हरिद्वार समेत हाई कोर्ट के मुख्य स्थाई अधिवक्ता की निगरानी में एक कमेटी का गठन किया है, जो 14 मार्च को हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मेले में अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी.

हाई कोर्ट ने जिला निगरानी कमेटी बनाने के आदेश

बता दें, हाई कोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है, मगर इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है, जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए थे.

पढ़ें- हरिद्वार: महामंडलेश्वर विरेंद्रानंद गिरी स्कूल की करेंगे स्थापना, मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधाएं

वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव को आदेश दिए थे कि वह सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर जाकर अपनी रिपोर्ट पेश करें और उनकी स्थिति बताएं कि आखिर क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति क्या है ? जिसके बाद जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव की रिपोर्ट में भी स्पष्ट हुआ था कि प्रदेश के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में है. बाहर से आ रहे लोगों के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. जिसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति को ठीक करें. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, उन सभी ग्राम प्रधानों को जल्द से जल्द बजट अवमुक्त करें ताकि बाहर से आ रहे लोगों को उचित व्यवस्था मिल सके.

वहीं, इन जनहित याचिकाओं में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कुंभ मेला मामले का स्वतः संज्ञान लिया था.

नैनीताल: कुंभ मेले की तैयारी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एक बार से राज्य सरकार को अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जिला जज हरिद्वार, डीएम हरिद्वार, मेला अधिकारी हरिद्वार समेत हाई कोर्ट के मुख्य स्थाई अधिवक्ता की निगरानी में एक कमेटी का गठन किया है, जो 14 मार्च को हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मेले में अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी.

हाई कोर्ट ने जिला निगरानी कमेटी बनाने के आदेश

बता दें, हाई कोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है, मगर इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है, जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए थे.

पढ़ें- हरिद्वार: महामंडलेश्वर विरेंद्रानंद गिरी स्कूल की करेंगे स्थापना, मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधाएं

वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव को आदेश दिए थे कि वह सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर जाकर अपनी रिपोर्ट पेश करें और उनकी स्थिति बताएं कि आखिर क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति क्या है ? जिसके बाद जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव की रिपोर्ट में भी स्पष्ट हुआ था कि प्रदेश के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में है. बाहर से आ रहे लोगों के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. जिसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति को ठीक करें. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, उन सभी ग्राम प्रधानों को जल्द से जल्द बजट अवमुक्त करें ताकि बाहर से आ रहे लोगों को उचित व्यवस्था मिल सके.

वहीं, इन जनहित याचिकाओं में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कुंभ मेला मामले का स्वतः संज्ञान लिया था.

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