नैनीताल: प्रदेश के सीटेट अभ्यर्थियों को एलटी परीक्षा में शामिल न करने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रदेश के शिक्षा सचिव को 5 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि देहरादून निवासी याचिकाकर्ता अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में करीब 2284 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई, लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में शैक्षणिक सत्र 2020 में सीटेट की परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को इस परीक्षा से वंचित रखा गया. जिसे अनु पंत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.
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हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस परीक्षा को जुलाई 2020 में हो जाना चाहिए था. उस परीक्षा को सरकार के द्वारा दिसंबर 2020 में संपन्न कराया गया. जिस वजह से इस परीक्षा का परिणाम जनवरी 2021 में आS. जिस वजह से सैकड़ों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं. लिहाजा योग्य अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराया जाये. आवेदन व फीस भरने की तिथि को आगे बढ़ाया जाये.
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पिछली सुनवाई के दौरान नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने छात्र हितों को देखते हुए राज्य सरकार को 31 मार्च तक अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे. आज सरकार के द्वारा अपना जवाब कोर्ट में पेश किया गया. जिससे कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखी. अब 5 अप्रैल को प्रदेश के शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में पेश होकर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.