नैनीताल: हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय देहरादून के कुलपति पद पर प्रो. सुनील जोशी व कुलसचिव पद पर डॉ. राजेश कुमार अदाना (Vice Chancellor and Registrar) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कुलपति व कुलसचिव को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई.
बता दें कि देहरादून निवासी विनोद कुमार चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय (Uttarakhand Ayurvedic University) देहरादून के कुलपति पद पर प्रो. सुनील जोशी व कुलसचिव पद पर डॉ. राजेश कुमार की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के विपरीत की गई है. यूजीसी के मानकों के अनुसार कुलपति पद के लिये कम से कम दस वर्ष प्रोफेसर होना और कुलसचिव पद के लिये कम से कम 13 वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर होना आवश्यक है, जबकि डॉ. सुनील जोशी 2014 में प्रोफेसर बने हैं. डॉ. राजेश कुमार अदाना की नियुक्ति ही साल 2013 में हुई है. इस प्रकार दोनों व्यक्ति उक्त पदों की अर्हता नहीं रखते हैं. इसलिए इनको पद से हटाया जाय.
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मामले में आज सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने कुलपति व कुलसचिव को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जबाव दाखिल करने को कहा है.