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पूर्व समाज कल्याण अधिकारी की याचिका पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से तलब किया रिकॉर्ड - पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके सिंह

पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से रिकॉर्ड तलब किया है. आज एनके शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

Uttarakhand High Court
पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके सिंह
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Published : Sep 20, 2021, 6:09 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद 27 सितंबर तक सभी रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.

देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि इनके खिलाफ 2016 से विजिलेंस की जांच चल रही है. जिसमे अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. कोर्ट ने जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मार्च 2021 में डायरेक्टर विजिलेंस को बुलाकर दो माह के भीतर जांच पूरा करने का आदेश दिया था.

कोर्ट के आदेश पर डायरेक्टर विजिलेंस ने जांच में पाया कि नंद किशोर शर्मा ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर शर्मा के खिलाफ सरकार ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में एफआईआर भी दर्ज की है.

पढ़ें: पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस ने किया मुकदमा दर्ज

याचिकाकर्ता द्वारा अपनी गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि उन पर लगाये गए आरोप गलत हैं. इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और एफआईआर को निरस्त किया जाए.

बता दें कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा देहरादून में साल 2005 से 2009 तक समाज कल्याण अधिकारी रहे थे. 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता अजय शर्मा ने अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड के तहत खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी. आरटीआई के तहत अधिकारी पर रुपयों का दुरुपयोग के आरोप लगे थे.

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद 27 सितंबर तक सभी रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.

देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि इनके खिलाफ 2016 से विजिलेंस की जांच चल रही है. जिसमे अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. कोर्ट ने जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मार्च 2021 में डायरेक्टर विजिलेंस को बुलाकर दो माह के भीतर जांच पूरा करने का आदेश दिया था.

कोर्ट के आदेश पर डायरेक्टर विजिलेंस ने जांच में पाया कि नंद किशोर शर्मा ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर शर्मा के खिलाफ सरकार ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में एफआईआर भी दर्ज की है.

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याचिकाकर्ता द्वारा अपनी गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि उन पर लगाये गए आरोप गलत हैं. इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और एफआईआर को निरस्त किया जाए.

बता दें कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा देहरादून में साल 2005 से 2009 तक समाज कल्याण अधिकारी रहे थे. 2016 में आरटीआई कार्यकर्ता अजय शर्मा ने अनुसूचित जाति और जनजाति अवस्थापना फंड के तहत खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी. आरटीआई के तहत अधिकारी पर रुपयों का दुरुपयोग के आरोप लगे थे.

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