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HC का DGP को निर्देश, कहा- जमीन से जुड़े और सुरक्षा के मामलों को गंभीरता से ले पुलिस

हाईकोर्ट ने तेजिंद्रजीत सिंह कौर को सुरक्षा देने के मामले में सुनवाई करते हुए एडवोकेट जनरल को कहा कि वह DGP को निर्देश दें कि पुलिस के पास जमीन व सुरक्षा से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन्हें गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें.

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Published : Sep 17, 2021, 8:28 PM IST

nainital
नैनीताल

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के तेजिंद्रजीत सिंह कौर को सुरक्षा देने के मामले में सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल से कहा है कि वह DGP को निर्देश दें कि पुलिस के पास जमीन व सुरक्षा से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन्हें गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें. कोर्ट ने हरिद्वार एसएसपी को याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

शुक्रवार को हरिद्वार की याचिकाकर्ता तेजिंद्रजीत सिंह कौर की याचिका पर होईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में तेजिंद्रजीत सिंह कौर ने कहा कि कैलाश नंद स्वामी उनकी जमीन को हड़पना चाहते हैं और कैलाश नंद स्वामी से उनको व उनकी संपत्ति को खतरा है. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस को 2019 में शिकायत की थी. लेकिन उनकी शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि निचली अदालत ने भी उनकी जमीन को बेचने या खुर्द बुर्द करने पर रोक लगाई है. उसके बाद भी कैलाश नंद स्वामी ने उनकी जमीन बेच दी. वहीं, मामले पर खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई. हालांकि, सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की.

ये भी पढ़ेंः सरकार बोली- भवन एवं सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में नहीं हुआ 20 करोड़ का गबन

कोर्ट ने कहा कि पीड़ित अपनी समस्या लेकर पुलिस के पास जाती है. उसके बाद भी पुलिस उनका केस दर्ज नहीं करती. जिसका मुख्य उदाहरण उच्च न्यायालय में प्रत्येक दिन 5 से 6 केस सुरक्षा दिलाए जाने को लेकर दायर होते हैं. HC ने एडवोकेट जनरल से कहा है कि वह DGP को निर्देश दें कि पुलिस के पास जमीन व सुरक्षा से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन्हें गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें.

याचिकाकर्ता ने आत्महत्या की धमकी दीः पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने अदालत को संदेश भेजकर उच्च न्यायालय परिसर में आत्महत्या करने की बात कही थी. जिस पर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को हिदायत दी कि यदि दोबारा ऐसी हरकत की गई तो अदालत अवमानना की कार्रवाई अमल में ला सकती है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के तेजिंद्रजीत सिंह कौर को सुरक्षा देने के मामले में सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल से कहा है कि वह DGP को निर्देश दें कि पुलिस के पास जमीन व सुरक्षा से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन्हें गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें. कोर्ट ने हरिद्वार एसएसपी को याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

शुक्रवार को हरिद्वार की याचिकाकर्ता तेजिंद्रजीत सिंह कौर की याचिका पर होईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में तेजिंद्रजीत सिंह कौर ने कहा कि कैलाश नंद स्वामी उनकी जमीन को हड़पना चाहते हैं और कैलाश नंद स्वामी से उनको व उनकी संपत्ति को खतरा है. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस को 2019 में शिकायत की थी. लेकिन उनकी शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि निचली अदालत ने भी उनकी जमीन को बेचने या खुर्द बुर्द करने पर रोक लगाई है. उसके बाद भी कैलाश नंद स्वामी ने उनकी जमीन बेच दी. वहीं, मामले पर खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई. हालांकि, सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की.

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कोर्ट ने कहा कि पीड़ित अपनी समस्या लेकर पुलिस के पास जाती है. उसके बाद भी पुलिस उनका केस दर्ज नहीं करती. जिसका मुख्य उदाहरण उच्च न्यायालय में प्रत्येक दिन 5 से 6 केस सुरक्षा दिलाए जाने को लेकर दायर होते हैं. HC ने एडवोकेट जनरल से कहा है कि वह DGP को निर्देश दें कि पुलिस के पास जमीन व सुरक्षा से जुड़ी जितनी भी शिकायतें आती हैं, उन्हें गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें.

याचिकाकर्ता ने आत्महत्या की धमकी दीः पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने अदालत को संदेश भेजकर उच्च न्यायालय परिसर में आत्महत्या करने की बात कही थी. जिस पर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को हिदायत दी कि यदि दोबारा ऐसी हरकत की गई तो अदालत अवमानना की कार्रवाई अमल में ला सकती है.

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