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विश्व हृदय दिवसः उत्तराखंड में युवाओं का कमजोर हो रहा दिल, धूम्रपान बना मुख्य कारण

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Published : Sep 29, 2019, 6:13 AM IST

उत्तराखंड में लगातार हृदय रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. क्योंकि, पहाड़ के लोगों में भी अब फिजिकल एक्टिविटी कम होना और बदलते दौर में खान पान व रहन-सहन, धुम्रपान इसके मुख्य कारण हैं. पहले 40 साल से लेकर 60 साल के बीच के लोगों को हृदय रोग होता था, लेकिन बदलते दौर में 20 से 40 साल के मरीजों में भी इजाफा देखा गया है

विश्व हृदय दिवस 2019

हल्द्वानीः पूरे विश्व में 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. हृदय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. साथ ही हृदय संबंधी बीमारी से बचाव को लेकर जानकारी देना है. पूरे विश्व में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. उत्तराखंड में हृदय रोगों के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. बीते एक दशक के अंतराल में पहाड़ों पर हृदय रोगियों भी संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है. जिसमें युवा भी शामिल हैं. जिसका मुख्य कारण धुम्रपान है. जो चिंता का विषय है.

विश्व हृदय दिवस विशेष.

डॉक्टरों की मानें तो हृदय रोग की बीमारी अब मलेरिया, टाइफाइड की तरह युवाओं में भी फैल रहा है. जिसका मुख्य कारण लाइफ स्टाइल, खानपान और धूम्रपान है. हृदय की बीमारी से 50% लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. ऐसे में समय रहते इस पर काबू पा लिया जाए तो मनुष्य का जीवन लंबा संभव हो सकता है. पहले की तुलना में अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी हृदय रोग की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

ये भी पढ़ेंः WORLD HEART DAY: इन चीजों से खुद को रखें दूर, दिल रहेगा दुरुस्त

हल्द्वानी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश पंत के मुताबिक, उत्तराखंड में लगातार हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. क्योंकि, पहाड़ के लोगों में भी अब फिजिकल एक्टिविटी कम होना और बदलते दौर में खान पान व रहन-सहन इसका मुख्य कारण है. पहले 40 साल से लेकर 60 साल के बीच के लोगों को हृदय रोग होता था, लेकिन बदलते दौर में 20 से 40 साल के मरीजों में भी इजाफा देखा गया है.

डॉक्टरों के मानें तो रोजाना ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में करीब 80 फीसदी मरीज हार्ट से पीड़ित होते हैं. जिनके ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर की समस्या होती है. वहीं, कुमाऊं मंडल की हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल समेत अन्य प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो यहां हर साल करीब एक लाख से ज्यादा हार्ट के मरीज अपने इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः चीफ जस्टिस ने शुरू किया 'संकल्प नशा मुक्ति देवभूमि' अभियान, नशे से ग्रसित लोगों का होगा पुनर्वास

हृदय रोग से बचाव कैसे करें

  • हृदय रोग का मुख्य कारण ब्लड प्रेशर है. जो नमक की मात्रा से बढ़ता है. ऐसे में नमक की मात्रा को खाने में कम से कम इस्तेमाल करनी चाहिए.
  • शुगर दूसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है. इसके अलावा जंक फूड के साथ-साथ तली हुई और कार्बोहाइड्रेट की चीजें हृदय रोग की बीमारी का मुख्य कारण हैं.
  • बदलते दौर में खानपान और लाइफ स्टाइल हृदय रोग का मुख्य कारण बनता जा रहा है. जिसे बदलने की जरुरत है.
  • पहले संयुक्त परिवार के दौरान लोगों की अपनी दिनचर्या सामान्य होती थी, लेकिन अब संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं. लोगों का डिप्रेशन में जाना भी हृदय रोग का मुख्य कारक है.
  • स्वच्छता और तन मन की सफाई के साथ-साथ आस पास के वातावरण ठीक हो तो हृदय रोग से बचा जा सकता है.

हल्द्वानीः पूरे विश्व में 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. हृदय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. साथ ही हृदय संबंधी बीमारी से बचाव को लेकर जानकारी देना है. पूरे विश्व में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. उत्तराखंड में हृदय रोगों के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. बीते एक दशक के अंतराल में पहाड़ों पर हृदय रोगियों भी संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है. जिसमें युवा भी शामिल हैं. जिसका मुख्य कारण धुम्रपान है. जो चिंता का विषय है.

विश्व हृदय दिवस विशेष.

डॉक्टरों की मानें तो हृदय रोग की बीमारी अब मलेरिया, टाइफाइड की तरह युवाओं में भी फैल रहा है. जिसका मुख्य कारण लाइफ स्टाइल, खानपान और धूम्रपान है. हृदय की बीमारी से 50% लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. ऐसे में समय रहते इस पर काबू पा लिया जाए तो मनुष्य का जीवन लंबा संभव हो सकता है. पहले की तुलना में अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी हृदय रोग की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

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हल्द्वानी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश पंत के मुताबिक, उत्तराखंड में लगातार हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. क्योंकि, पहाड़ के लोगों में भी अब फिजिकल एक्टिविटी कम होना और बदलते दौर में खान पान व रहन-सहन इसका मुख्य कारण है. पहले 40 साल से लेकर 60 साल के बीच के लोगों को हृदय रोग होता था, लेकिन बदलते दौर में 20 से 40 साल के मरीजों में भी इजाफा देखा गया है.

डॉक्टरों के मानें तो रोजाना ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में करीब 80 फीसदी मरीज हार्ट से पीड़ित होते हैं. जिनके ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर की समस्या होती है. वहीं, कुमाऊं मंडल की हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल समेत अन्य प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो यहां हर साल करीब एक लाख से ज्यादा हार्ट के मरीज अपने इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है.

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हृदय रोग से बचाव कैसे करें

  • हृदय रोग का मुख्य कारण ब्लड प्रेशर है. जो नमक की मात्रा से बढ़ता है. ऐसे में नमक की मात्रा को खाने में कम से कम इस्तेमाल करनी चाहिए.
  • शुगर दूसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है. इसके अलावा जंक फूड के साथ-साथ तली हुई और कार्बोहाइड्रेट की चीजें हृदय रोग की बीमारी का मुख्य कारण हैं.
  • बदलते दौर में खानपान और लाइफ स्टाइल हृदय रोग का मुख्य कारण बनता जा रहा है. जिसे बदलने की जरुरत है.
  • पहले संयुक्त परिवार के दौरान लोगों की अपनी दिनचर्या सामान्य होती थी, लेकिन अब संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं. लोगों का डिप्रेशन में जाना भी हृदय रोग का मुख्य कारक है.
  • स्वच्छता और तन मन की सफाई के साथ-साथ आस पास के वातावरण ठीक हो तो हृदय रोग से बचा जा सकता है.
Intro:sammry- ( यह खबर कल के लिए है) विश्व हृदय दिवस( उत्तराखंड में बढ़ी हृदय रोगों के मरीजों की संख्या ) लाइफस्टाइल और पहाड़ों में धूमपान है हृदय रोगों का मुख्य कारण।

एंकर- उत्तराखंड में भी अब धीरे-धीरे हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है बात पिछले एक दशक की करें तो पहाड़ पर भी अब हृदय रोगीयो भी संख्या में दुगनी वृद्धि हुई है।
डॉक्टरों की माने तो हृदय रोग की बीमारी अब मलेरिया ,टाइफाइड की तरह युवाओं में भी भी फैल रहा है। जिसका मुख्य कारण है लाइफस्टाइल और धूम्रपान।


Body:पूरे विश्व में 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है हृदय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और हृदय संबंधी बीमारी से बचाव के लिए मनाया जाता है। हृदय बीमारी से 50% लोग अपनी जान गवां बैठते हैं अगर सब समय रहते इस पर काबू पा लिया जाए तो आदमी का जीवन लंबा संभव हो सकता है। पहले की तुलना में अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी हृदय रोग की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है इसका मुख्य कारण धूम्रपान और हमारी व्यवस्थित दिनचर्या तनाव और गलत खानपान मुख्य कारण माना जा रहा है।
हल्द्वानी के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश पंत के अनुसार उत्तराखंड में लगातार हृदय लोग संख्या में वृद्धि हो रही है क्योंकि पहाड़ के लोगों में भी अब फिजिकल एक्टिविटी कम होना और बदलते दौर में खान पीन और रहन-सहन इसका मुख्य कारण है । हृदय रोग की मरीज पहले 40 साल से लेकर 60 साल के बीच में ज्यादा पहुंचते थे लेकिन बदलते दौर में 20साल से 40 साल के मरीजों में भी इजाफा देखा गया है। पहले पुत्र अपने पिता को हृदय रोग के इलाज के लिए लाता था लेकिन अब पिता अपने पुत्र को हृदय रोग के लिए इलाज के लिए ला रहा है जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार रोजाना ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में करीब 80% मरीज ऐसे होते हैं जो हार्ड से पीड़ित होते हैं जिनके ब्लड प्रेशर ,शुगर ,हार्ड अटैक और हार्ट फेलियर की समस्या होती है।
बात कुमाऊं मंडल की हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल सहित अन्य प्राइवेट अस्पतालों की करें तो यहां हर साल करीब एक लाख से अधिक हार्ट के मरीज अपने इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है।

हृदय रोग से बचाव कैसे करें

1- हृदय रोग का मुख्य कारण ब्लड प्रेशर है जो नमक की मात्रा से बढ़ता है ऐसे में नमक की मात्रा खाने में कम से कम करनी चाहिए

2- शुगर दूसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है इसके अलावा जंग फूड के साथ-साथ तली हुई और कार्बोहाइड्रेट की चीजें हृदय रोग की बीमारी का मुख्य कारण है।

3- बदलते दौर में खानपान और लाइफस्टाइल हृदय रोग का मुख्य कारण बनता जा रहा है जिसे बदलने की जरूरत है।

4- पहले संयुक्त परिवार के दौरान लोगों की अपनी दिनचर्या सामान्य होती थी लेकिन अब संयुक्त परिवार खत्म हो रहा है और लोग डिप्रेशन में चला जा रहा है जो हृदय रोग का मुख्य कारक है।

5- आसपास स्वच्छता और तन मन की स्वच्छता के साथ-साथ आसपास के वातावरण अगर ठीक है तो हृदय रोग से बचा जा सकता है।

बाइट- प्रकाश पंत हृदय रोग विशेषज्ञ


Conclusion:सुशीला तिवारी के एमएस और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण जोशी के मुताबिक कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में हृदय रोग की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है अधिकतर मरीज,ब्लड प्रेशर ,शुगर ,हार्ड अटैक और हार्ट फेलियर के पहुंचते हैं । इसमें अधिकतर मरीजों की मौत हृदय गति होती है। अब युवा पीढ़ी भी हृदय गति के चपेट में आ रहा है जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।

बाइट अरुण जोशी एमएस सुशीला तिवारी अस्पताल
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