नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन मड़धूरा में करने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दस नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं.
दस नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई: मामले की अगली सुनवाई के लिए दस नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है. जनहित याचिका में कहा गया कि मड़धूरा में इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए यूपी निर्माण निगम ने 14 करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च किया है. अब इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए नई जगह पर भूमि तलाशना सही नहीं है. मड़धूरा में सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने अपने चारागाह, जंगल और अन्य नाप भूमि दान में दी है.
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सरकार जगह को नहीं मान रही सुरक्षित: अब सरकार इस जगह को सुरक्षित नहीं मान रही है. मड़धूरा में कॉलेज के लिए बने भवन के आसपास हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराने की भी मांग की गई है. वर्तमान समय में कॉलेज जीआईसी कॉलेज में चल रहा है. कॉलेज बनने से पहले इस भूमि की जांच की जानी चाहिए थी, जब कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण होने को है. ऐसे में अब इसको सुरक्षित जगह नहीं माना जा रहा है. बता दें कि बीते दिन हाईकोर्ट में कालाढूंगी और बाजपुर के बीच अवैध पेड़ों के कटान के मामले में सुनवाई हुई थी. जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जबाव मांगा था.
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