नैनीताल: लोहाघाट विधायक के निर्वाचन के खिलाफ पूरन फर्त्याल द्वारा दायर चुनाव याचिका की सुनवाई के दौरान विधायक खुशाल सिंह अधिकारी की ओर से प्रस्तुत दोनों प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट ने खारिज कर दिए हैं. खुशाल सिंह अधिकारी ने अपने पहले प्रार्थना पत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 86 एवं दूसरे प्रार्थना पत्र में सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7, नियम 11 का उल्लेख करते हुए कहा कि न्यायालय ऐसी याचिकाओं को औचित्यहीन मानते हुए खारिज कर देती है. उनके खिलाफ 'कॉज ऑफ एक्शन' (स्पष्टीकरण) की कार्यवाही नहीं हुई है.
खुशाल सिंह अधिकारी ने कहा है कि वे पंजीकृत ठेकेदार हैं और उन्होंने नामांकन से पहले अपना ठेकेदारी का लाइसेंस रद्द करवाया था. इसलिए प्रथम दृष्टया यह याचिका स्वीकार योग्य नहीं है, किंतु न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी ने उनके प्रार्थना पत्रों को खारिज करते हुए उनसे चुनाव याचिका में लगाए गए आरोपों पर 22 जुलाई तक लिखित वक्तव्य पेश करने को कहा है. ऐसे में इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 जुलाई तय की है. जिससे साफ है कि अब मामले की सुनवाई ट्रायल कोर्ट की तरह होगी.
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इस मामले के अनुसार लोहाघाट विधानसभा सीट पर पराजित प्रत्याशी भाजपा के पूरन फर्त्याल ने कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. चुनाव याचिका में कहा गया है कि खुशाल सिंह अधिकारी ने 24 जनवरी 2022 को नामांकन किया. लेकिन, उन्होंने शपथ पत्र 28 जनवरी को दाखिल किया जबकि यह नामांकन पत्र के साथ ही दाखिल होना था. यही नहीं शपथ पत्र में उन्होंने गलत सूचनाएं दी. नामांकन के समय उनके 25 सरकारी कार्यों के ठेके चल रहे थे, जिसे उन्होंने छुपाया है. यही नहीं चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने दो सरकारी ठेके लिए. ऐसे में विधायक खुशाल सिंह अधिकारी को अब इन आरोपों का बिंदुवार जबाव देना होगा.