नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में प्रदेश के जूनियर अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार जूनियर अधिवक्ताओं के लिए फंड जारी कर बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को दे, ताकि प्रदेश के जूनियर अधिवक्ताओं की समस्याओं का समाधान हो सके.
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है. मामले की पैरवी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ और अधिकारी शक्ति प्रताप सिंह ने की. मामले के अनुसार पूर्व महासचिव अधिवक्ता कमलेश तिवारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वे जूनियर अधिवक्ता, जिनकी वकालत 5 साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए, क्योंकि वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए उनके लिए स्टाइपेंड की व्यवस्था की जाए.
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जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता वेलफेयर एक्ट में यह प्रावधान है कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 5 साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड देने का प्रावधान है और कई राज्यों ने अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था की है. जिसमें केरला व पांडिचेरी मुख्य हैं. जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता वेल्फेयर फंड की व्यवस्था की जाए. जिससे कि जूनियर अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता मिल सके.
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