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मानव वन्य जीव संघर्ष मामले पर हाईकोर्ट सख्त, प्रमुख वन सचिव को किया तलब

उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. आज हाईकोर्ट में इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख सचिव वन को तलब किया है.

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मानव वन्य जीव संघर्ष मामले पर हाईकोर्ट सख्त
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Published : May 22, 2023, 4:37 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मानव वन्य जीव संघर्ष को नियंत्रित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन न करने पर प्रमुख वन सचिव आर के सुधांशु को 14 जून को हाईकोर्ट में तलब किया है. कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है.

मामले के अनुसार देहरादून निवासी अनु पंत ने जनहित याचिका दायर कर कहा नवंबर 2022 में इस मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिये थे कि वह मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करें. इस मामले में पूर्व में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल द्वारा दाखिल शपथ पत्र में केवल कागजी कार्रवाई का उल्लेख था. धरातल पर मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने का कुछ उल्लेख नहीं था.

पढे़ं- अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

आज फिर से इस मामले की सुनवाई हुई. जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है. इसलिए और समय दिया जाये. जनहित याचिका दायर करने के बाद अभी तक प्रदेश में 17 लोग वन्यजीवों का शिकार हो चुके हैं. जिसमें पिछले महीने रानीखेत की घटना भी प्रमुख है. इसके अलावा भी लगातार प्रदेश के अलग अलग जिलों से मानव वन्य जीव संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मानव वन्य जीव संघर्ष को नियंत्रित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन न करने पर प्रमुख वन सचिव आर के सुधांशु को 14 जून को हाईकोर्ट में तलब किया है. कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है.

मामले के अनुसार देहरादून निवासी अनु पंत ने जनहित याचिका दायर कर कहा नवंबर 2022 में इस मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिये थे कि वह मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करें. इस मामले में पूर्व में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल द्वारा दाखिल शपथ पत्र में केवल कागजी कार्रवाई का उल्लेख था. धरातल पर मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने का कुछ उल्लेख नहीं था.

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आज फिर से इस मामले की सुनवाई हुई. जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है. इसलिए और समय दिया जाये. जनहित याचिका दायर करने के बाद अभी तक प्रदेश में 17 लोग वन्यजीवों का शिकार हो चुके हैं. जिसमें पिछले महीने रानीखेत की घटना भी प्रमुख है. इसके अलावा भी लगातार प्रदेश के अलग अलग जिलों से मानव वन्य जीव संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं.

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