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लक्सर मिड डे मील घोटाले में हाई कोर्ट ने सरकार को दिए दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश

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Published : May 14, 2019, 11:37 PM IST

इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमेंद ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिक दायर की थी.

Uttarakhand High Court

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर में हुए मिड डे मील घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो नई गाइड लाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. इसके अलावा सरकार चाहे तो प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायाधीश एनएस धनिक की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया.

पढ़ें- प्रीतम सिंह की इंदिरा को नसीहत, मुद्दे पार्टी फोरम पर उठाने चाहिए न की मीडिया के सामने

बता दें कि लक्सर निवासी सोमेंद कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें सोमेंद ने कहा था कि किसान इंटर कॉलेज लक्सर के प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों ने मिड डे मील योजना में घोटाला किया है. छात्रों को निम्न श्रेणी का भोजन दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत उन्होंने सरकार व उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमेंद ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिक दायर की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि इस संबंध में नई गाइड लाइन जारी करें और नई गाइड लाइन के तहत दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.

पढ़ें- प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा पॉलिथीन, नगर निगम की टीम ने वसूला भारी भरकम जुर्माना

जांच में जो लोग दोषी पाए जाएं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि मीड डे मिल भोजन कराने के लिए धनराशि नहीं है या उपलब्ध नहीं तो स्कूल प्रधानाध्यापक अपनी जेब से भोजन की व्यव्स्था करें.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर में हुए मिड डे मील घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो नई गाइड लाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. इसके अलावा सरकार चाहे तो प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायाधीश एनएस धनिक की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया.

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बता दें कि लक्सर निवासी सोमेंद कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें सोमेंद ने कहा था कि किसान इंटर कॉलेज लक्सर के प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों ने मिड डे मील योजना में घोटाला किया है. छात्रों को निम्न श्रेणी का भोजन दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत उन्होंने सरकार व उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमेंद ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिक दायर की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि इस संबंध में नई गाइड लाइन जारी करें और नई गाइड लाइन के तहत दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.

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जांच में जो लोग दोषी पाए जाएं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि मीड डे मिल भोजन कराने के लिए धनराशि नहीं है या उपलब्ध नहीं तो स्कूल प्रधानाध्यापक अपनी जेब से भोजन की व्यव्स्था करें.

Intro:स्लग-नजुल

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर-नैनीताल हाई कोर्ट ने नगर निगम हल्द्वानी की नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने व उक्त भूमि और आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले मे सुनवाई करते हुए नगर निगम और सरकार से 20 मई तक स्तिथि स्पस्ट करने को कहा कहा है,,मामले की अलगी सुनवाई 20 मई सोमवार को होगी,,
मामले की सुनवाई मुख्यन्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई


Body:आपको बता दे की काठगोदाम हल्द्वानी निवासी भूपेंद्र सूर्यवँशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम के अधिकारियो की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92  वर्ग मीटर नजूल भूमि को श्रीमती महेश कुमारी के ना फ्री होल्ड कर दिया जिस पर इसी साल महेश कुमारी के बच्चों ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया इसी से लगे आम रास्ते को खुर्द बुर्द  कर दिया। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि इसकी जाँच कराने के तत्कालीन जिला अधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए थे जिसमे पाया गया था कि 2011 में उक्त भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए महेश कुमारी द्वारा 20 हजार रुपया शुल्क भी जमा किया था परन्तु उक्त भूमि का  पीडब्ल्यूडी  व रास्ट्रीय राजमार्ग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नही लिया गया ।


Conclusion:याचिकर्ता का यह भी कहना है कि नगर निगम के अधिकारियो ने नियमो को ताक पर रखकर 2016 में विपक्षी के नाम जमीन फ्री होल्ड कर दी। मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने सोमवार 20 मई को स्थिति स्पस्ट करने के आदेश सरकार व नगर निगम को दिए है।
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