नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर में हुए मिड डे मील घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो नई गाइड लाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. इसके अलावा सरकार चाहे तो प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायाधीश एनएस धनिक की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया.
पढ़ें- प्रीतम सिंह की इंदिरा को नसीहत, मुद्दे पार्टी फोरम पर उठाने चाहिए न की मीडिया के सामने
बता दें कि लक्सर निवासी सोमेंद कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें सोमेंद ने कहा था कि किसान इंटर कॉलेज लक्सर के प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारियों ने मिड डे मील योजना में घोटाला किया है. छात्रों को निम्न श्रेणी का भोजन दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत उन्होंने सरकार व उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमेंद ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिक दायर की थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि इस संबंध में नई गाइड लाइन जारी करें और नई गाइड लाइन के तहत दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
पढ़ें- प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा पॉलिथीन, नगर निगम की टीम ने वसूला भारी भरकम जुर्माना
जांच में जो लोग दोषी पाए जाएं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि मीड डे मिल भोजन कराने के लिए धनराशि नहीं है या उपलब्ध नहीं तो स्कूल प्रधानाध्यापक अपनी जेब से भोजन की व्यव्स्था करें.