देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित स्टिंग मामले में सुनवाई टल गई. अब मामले की अगली सुनवाई आगामी 30 सिंतबर को होगी.
आज नैनीताल हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की सुनवाई होनी थी, लेकिन हरदा की ओर से वकीश पेश ना होने से सुनवाई टल गई है. कोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई की तिथि को 30 सिंतबर निर्धारित की है.
बता दें कि, बीती 20 सितंबर को एकलपीठ में सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अधिवक्ता डीडी कामथ, वीबीएस नेगी और अवतार सिंह रावत ने बहस करते हुए इस मामले में दाखिल सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को गलत बताया था.
ये भी पढ़ेंः पूर्व सभासद ने पूर्व नगर आयुक्त को भेजा मानहानि का नोटिस, नाम के गलत इस्तेमाल का आरोप
साथ ही इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने की भारत सरकार व सीबीआई की दलील का विरोध किया था. जिसके बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ ने मामले को सुनने से मना करते हुए दूसरी पीठ को रेफर कर दिया था. ऐसे में आज यानि शुक्रवार को मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में होनी थी. जो टल गई है.
क्या है मामला
गौर हो कि, साल 2016 में एक निजी चैनल ने हरीश रावत का एक स्टिंग दिखाया था, जिसमें उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करते दिखाई दिए थे. तब विपक्ष (बीजेपी) ने इस प्रकरण को जोरदार ढंग से उठाया था और इस मामले में लगातार सरकार को घेरने की कोशिश की थी.
मामला उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद हरीश रावत सरकार फिर से बहाल हो गई थी, लेकिन इस बीच रहे राष्ट्रपति शासन के दौरान तत्कालीन राज्यपाल की संस्तुति पर केंद्र ने स्टिंग मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर कहा था कि 2017 में कांग्रेस की सरकार गिरने पर उनके स्टिंग और विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में प्रारंभिक जांच पर रोक लगाई जाए.