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वृद्धा आश्रम निर्माण मामला: हाईकोर्ट ने तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के दिये आदेश

रायवाला में सरकारी भूमि पर वृद्धा आश्रम का निर्माण कार्य तहसलीदार द्वारा रुकवा दिया गया है. ऐसे में इस मामले में रायवाला के ग्राम प्रधान सागर गिरी ने न्यायालय में याचिका दायर की है. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ऋषिकेश तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.

हाईकोर्ट में वृद्धा आश्रम निर्माण मामले की सुनवाई
हाईकोर्ट में वृद्धा आश्रम निर्माण मामले की सुनवाई.
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Published : Jul 6, 2022, 7:19 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज देहरादून के रायवाला में सरकारी भूमि पर बन रहे वृद्धा आश्रम के निर्माण कार्य को रोके जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. वहीं, इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने ऋषिकेश के तहसीलदार को 4 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये हैं.

बता दें कि देहरादून के रायवाला में सरकारी भूमि पर बन रहे वृद्धा आश्रम के निर्माण कार्य को रोके जाने के आदेश को रायवाला के ग्राम प्रधान सागर गिरि की तरफ से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. ऐसे में आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरएस खुल्बे की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि देहरादून के रायवाला में 5 करोड़ की लागत से सरकारी भूमि पर वृद्धा आश्रम का निर्माण किया जा रहा है.

पढ़ें- ममता की 'ममता' पर उठे सवाल, 11वें दिन रुड़की गैंगरेप की पीड़िताओं से की मुलाकात

जिसके लिए सरकार की ओर से पहली किश्त भी जारी कर दी गई है और काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य में बाधा पहुंचायी जा रही है. पहले पुलिस ने और बाद में ऋषिकेश के तहसीलदार ने मौके पर आकर निर्माण कार्य रोक दिया. वहीं, तहसीलदार के मौका मुआयना करने पर पाया गया कि उक्त भूमि पहले से ही विवादित थी. जिसकी वजह से वृद्धा आश्रम का कार्य पूर्ण नहीं हो सका. ऐसे में अब कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में ऋषिकेश के तहसीलदार को 4 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज देहरादून के रायवाला में सरकारी भूमि पर बन रहे वृद्धा आश्रम के निर्माण कार्य को रोके जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. वहीं, इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने ऋषिकेश के तहसीलदार को 4 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये हैं.

बता दें कि देहरादून के रायवाला में सरकारी भूमि पर बन रहे वृद्धा आश्रम के निर्माण कार्य को रोके जाने के आदेश को रायवाला के ग्राम प्रधान सागर गिरि की तरफ से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. ऐसे में आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरएस खुल्बे की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि देहरादून के रायवाला में 5 करोड़ की लागत से सरकारी भूमि पर वृद्धा आश्रम का निर्माण किया जा रहा है.

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जिसके लिए सरकार की ओर से पहली किश्त भी जारी कर दी गई है और काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य में बाधा पहुंचायी जा रही है. पहले पुलिस ने और बाद में ऋषिकेश के तहसीलदार ने मौके पर आकर निर्माण कार्य रोक दिया. वहीं, तहसीलदार के मौका मुआयना करने पर पाया गया कि उक्त भूमि पहले से ही विवादित थी. जिसकी वजह से वृद्धा आश्रम का कार्य पूर्ण नहीं हो सका. ऐसे में अब कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में ऋषिकेश के तहसीलदार को 4 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये हैं.

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