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आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के मामले पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब

घोटाले और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में फंसे टिहरी के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी के मामले पर आज उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.

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Published : Jul 25, 2023, 8:51 PM IST

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नैनीताल: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी की मजिस्ट्रेट के सम्मिंग आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज 25 उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त की तिथि नियत की है. साथ में कोर्ट ने उनकी जमानत प्राथर्ना पत्र को भी इस याचिका के साथ लिस्ट करने के निर्देश भी दिए है. जोशी ने अपनी याचिका में कहा है कि मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए गए है और उन्हें सम्मन जारी किया है. इस सम्मनिंग आदेश को उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है.
पढ़ें- सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून में बैनामों से हेराफेरी का मामला, पूर्व IAS रावत की अध्यक्ष में 3 सदस्य SIT का गठन

मामले के अनुसार कांति राम जोशी पर आरोप है कि जब वे टिहरी में साल 2010 से 2013 के बीच में जिला समाज कल्याण अधिकारी थे, तब उन्होंने वृद्धा और विकलांग लोगों के लिए सरकार की तरफ से दिए धन का दुरप्रयोग किया. सरकार के नोटिफिकेशन से इसकी पुष्टि भी हुई है.

आरोप है कि वृद्धाओं के लिए 87 कैंप लगने थे, जिसमें से उन्होंने सिर्फ चार कैंप ही लगाए, जिन कैंपों को बिल दिया गया वो भी फर्जी था. सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) टिहरी की जांच में सात लाख 24 हजार रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया था.

सरकार ने 28 मार्च 2019 को तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी के खिलाफ सीडीओ को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था, लेकिन विवेचनाधिकारी ने बिना जांच पूरी हुए अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी.

नैनीताल: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी की मजिस्ट्रेट के सम्मिंग आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज 25 उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त की तिथि नियत की है. साथ में कोर्ट ने उनकी जमानत प्राथर्ना पत्र को भी इस याचिका के साथ लिस्ट करने के निर्देश भी दिए है. जोशी ने अपनी याचिका में कहा है कि मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए गए है और उन्हें सम्मन जारी किया है. इस सम्मनिंग आदेश को उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है.
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मामले के अनुसार कांति राम जोशी पर आरोप है कि जब वे टिहरी में साल 2010 से 2013 के बीच में जिला समाज कल्याण अधिकारी थे, तब उन्होंने वृद्धा और विकलांग लोगों के लिए सरकार की तरफ से दिए धन का दुरप्रयोग किया. सरकार के नोटिफिकेशन से इसकी पुष्टि भी हुई है.

आरोप है कि वृद्धाओं के लिए 87 कैंप लगने थे, जिसमें से उन्होंने सिर्फ चार कैंप ही लगाए, जिन कैंपों को बिल दिया गया वो भी फर्जी था. सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) टिहरी की जांच में सात लाख 24 हजार रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया था.

सरकार ने 28 मार्च 2019 को तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी कांति राम जोशी के खिलाफ सीडीओ को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था, लेकिन विवेचनाधिकारी ने बिना जांच पूरी हुए अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी.

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