नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर पालिका पिथौरागढ़ के अनुबंध के विपरीत हॉस्पिटल की जगह होटल एवं रेस्टोरेंट खोले जाने और उसकी छत पर निर्माण किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए सचिव शहरी विकास, जिला अधिकारी, उप जिला अधिकारी, जिला विकास प्राधिकरण, नगर पालिका व होटल मालिक हरीश चंद्र जोशी को नोटिस जारी कर 23 मार्च तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.
मामले के अनुसार चंद्र शेखर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पिथौरागढ़ नगर पालिका ने केंद्र सरकार द्वारा पोषित संगठित विकास योजना के तहत देब सिंह मैदान के समीप व्यवसायिक भवन का निर्माण कराया गया था, जिसमे दो हाल व 16 दुकानें अनुसूचित जाति, जनजाति, विकलांग और अन्य लोगों के लिए बनाई गई थी. लेकिन नगर पालिका द्वारा उक्त भवन को स्वर्गीय रघुवरदत्त जोशी को अस्पताल खोलने के लिए 2008 में आवंटित कर दिया.
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आरोप है कि आवंटन में शर्ते यह भी थी कि बिना नगर पालिका के इसमे कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा और पांच वर्ष बाद आगे के आवंटन के लिए नगर पालिका 25 प्रतिशत किराया बढ़ायेगी. रघुवरदत्त की मृत्यु के बाद यह उनके पुत्र हरीश चंद्र जोशी के नाम पर दर्ज हो गयी.
हरीश चंद्र जोशी ने इसमें अस्पताल की जगह होटल एवं रेस्टोरेंट खोलने के साथ साथ उसकी छत पर निर्माण कार्य भी किया गया. जब इसकी शिकायत स्थानीय विधायक और सभासदों ने उच्च अधिकारियों से की तो इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जनहित याचिका में कहा गया है कि इसके निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. व्यवसायिक भवन का आवंटन सरकार की पॉलिसी का अनुरूप किया जाए.