ETV Bharat / state

उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था खत्म करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई, सरकार ने HC में रखा अपना पक्ष - नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई

उत्तराखंड में कानून व्यवस्था का जिम्मा राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित किया जा रहा है. इससे जुड़ी याचिका भी नैनीताल हाईकोर्ट में है, जिस पर सुनवाई चल रही है. आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा और कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड में इस पुरानी व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है. कुछ क्षेत्रों में राजस्व व्यवस्था खत्म कर दी गई है तो कुछ क्षेत्रों में करने जा रही है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
author img

By

Published : Mar 27, 2023, 4:00 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने के मामले पर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले पर प्रगति रिपोर्ट पेश की. कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था लागू कर दी गई है, बाकी क्षेत्रों में भी राजस्व पुलिस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार प्रयासरत है. सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है.

दरअसल, साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने भी नवीन चंद्र बनाम राज्य सरकार केस में इस व्यवस्था को समाप्त करने की आवश्यकता समझी गई थी. जिसमें कहा गया था कि रेगुलर पुलिस की तरह राजस्व पुलिस को ट्रेनिंग नहीं दी जाती. इतना ही नहीं राजस्व पुलिस के पास आधुनिक संसाधन, कंप्यूटर, डीएनए और रक्त परीक्षण, फॉरेंसिक जांच, फिंगर प्रिंट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है. ऐसे में इन सुविधाओं के कमी के चलते क्राइम की समीक्षा करने में परेशानियां होती है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड 'पुलिस नौ दिन चली अढ़ाई कोस', सिर्फ 2 थाने 6 चौकियां खुलीं

वहीं, कोर्ट ने ये भी कहा था कि राज्य में एक समान कानून व्यवस्था हो, जो नागरिकों को मिलना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि अगर सरकार ने इस आदेश का पालन किया होता तो अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच में देरी नहीं होती. इसलिए प्रदेश में राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त किया जाए. बता दें कि देहरादून निवासियों ने राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि नियत की है.

नैनीतालः उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने के मामले पर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले पर प्रगति रिपोर्ट पेश की. कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था लागू कर दी गई है, बाकी क्षेत्रों में भी राजस्व पुलिस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार प्रयासरत है. सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है.

दरअसल, साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने भी नवीन चंद्र बनाम राज्य सरकार केस में इस व्यवस्था को समाप्त करने की आवश्यकता समझी गई थी. जिसमें कहा गया था कि रेगुलर पुलिस की तरह राजस्व पुलिस को ट्रेनिंग नहीं दी जाती. इतना ही नहीं राजस्व पुलिस के पास आधुनिक संसाधन, कंप्यूटर, डीएनए और रक्त परीक्षण, फॉरेंसिक जांच, फिंगर प्रिंट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है. ऐसे में इन सुविधाओं के कमी के चलते क्राइम की समीक्षा करने में परेशानियां होती है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड 'पुलिस नौ दिन चली अढ़ाई कोस', सिर्फ 2 थाने 6 चौकियां खुलीं

वहीं, कोर्ट ने ये भी कहा था कि राज्य में एक समान कानून व्यवस्था हो, जो नागरिकों को मिलना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि अगर सरकार ने इस आदेश का पालन किया होता तो अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच में देरी नहीं होती. इसलिए प्रदेश में राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त किया जाए. बता दें कि देहरादून निवासियों ने राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि नियत की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.