हल्द्वानी: स्टिंग मामले में फंसे कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ा फैसला आ सकता है. हालांकि रावत ने कहा है कि उन्हों कोर्ट पर पूरा भरोसा हैं. यदी कोर्ट उन्हें दोषी मानेगा तो वो गिरफ्तारी के लिए अपना हाथ कानून को दे देंगे.
गुरुवार को हरीश रावत हल्द्वानी पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने स्टिंग मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है. रावत ने सीबीआई और मोदी सरकार भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के तोते की तरह काम कर रही है.
रावत ने कहा कि सीबीआई अपने आपको सरकार का तोता सिद्ध करने में लगा हुआ है. रावत के मुताबिक उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. बल्कि साल 2016 में उनकी ही सरकार को गिराने के षड्यंत्र किया गया था, लेकिन स्टिंग के षड्यंत्रकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, उल्टा उन्हीं के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया.
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रावत ने कहा कि उन्होंने किसी के घर चोरी या डकैती नहीं की है, न ही इसका षड्यंत्र रचा है. उल्टे उनके विधायकों के साथ खरीद-फरोख्त की गई थी.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 2017 में उत्तराखंड के तत्कलीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले का स्टिंग सामने आया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिरी और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की थी.
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इसी मामले में बीते दिनों सीबीआई ने नैनीताल हाई कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दायर की गई, जिसमें कहा गया कि इस मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है. अब इस मामले में हरीश रावत की गिरफ्तारी करना चाहती है. हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली गई है जिसके बाद यह साफ हो गया है कि रावत पर गिरफ्तारी की गाज कभी भी गिर सकती है.