नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किक्रेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड में हुई अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने एसोसिएशन से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी. सुनवाई के दौरान आज खेल सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. उन्होंने बताया इससे उनका कोई मतलब नहीं है. क्रिकेट एसोसिएशन अपने आप में एक स्वतंत्र बॉडी है.
मामले के अनुसार देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2019 के बाद किक्रेट एसोसिएशन आफ उतयरखंड में हुए चुनावों के बाद खिलाड़ियों के चयन के लिए उनसे रणजी व अन्य जगहों पर खेलने के लिए लाखों रुपये लिए जा रहा हैं. खिलाड़ियों के खाने पीने से लेकर पानी के बिलों में लाखों रुपये की हेराफेरी की गई. केलों का बिल 32 लाख, पानी का बिल 22 लाख दिखाया गया है. खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. जिसकी वजह से खिलाड़ी अन्य राज्यों की तरफ से खेलने को मजबूर हो रहा रहे हैं.
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बोर्ड के पदाधिकारियों के खिलाफ अनियमितता व यौन शोषण के कई जगहों पर मुकदमें दर्ज हैं. घोटाले में लिप्त पदाधिकारियों ने ट्रेजरार से फर्जी बिल बनाने का दवाब बनाया. उनके मना करने पर पद से ही हटा दिया गया. याचिकाकर्ता ने कहा मामले की जांच हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की निगरानी में कराई जाए. घोटाले में लिप्त पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने में प्रतिबंध लगाने के साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. साथ ही याचिकाकर्चा ने बोर्ड को भंग कर इनकी जगह प्रशाशक नियुक्त करने की अपील भी हाईकोर्ट से की है.