नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी-बरेली, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर, हल्द्वानी कालाढूंगी सड़क चौड़ीकरण के दौरान काटे गए पेड़ों की जगह सड़क किनारे नए पेड़ लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों को निर्देश जारी कर प्राथमिकता के आधार पर सड़क किनारे वृक्ष लगाने और फरवरी माह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने फरवरी माह की तिथि निर्धारित की है.
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वर्ष 2018 का है मामला: मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी हिशांत अली ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2018 में हल्द्वानी-बरेली, हल्द्वानी-उधमसिंह नगर और हल्द्वानी कालाढूंगी सड़क चौड़ीकरण के दौरान सड़क किनारे से बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए, लेकिन उनके स्थान पर सड़क किनारे पेड़ न लगाकर उन्हें कहीं ओर लगा दिया गया, जो पर्यावरण संतुलन के हिसाब से सही नहीं है. जिससे भविष्य में पर्यावरण असंतुलन का खतरा पैदा हो सकता है.
सड़क चौरीकरण के दौरान नियमों की हुई अवहेलना: सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है कि सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान काटे गए पेड़ों की जगह सड़कों के किनारे पेड़ लगाएं जाएं, जिनमें फलदार वृक्ष भी शामिल होंगे.बता दें कि जिस जगह पर पेड़ काटे जाते हैं, वहां पर तुरंत नये पेड़ लगाए जाना चाहिए, लेकिन हल्द्वानी-बरेली, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर, हल्द्वानी कालाढूंगी सड़क चौड़ीकरण के दौरान इस नियम की अवहेलना की गई है.
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