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रामनगर के उदयपुरी में संचालित रिद्धि सिद्धि स्टोन क्रशर पर रोक जारी, HC में हुई सुनवाई

रामनगर के उदयपुरी में संचालित रिद्धि सिद्धि स्टोन क्रशर द्वारा मानकों को पूरा नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज मंगलवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने स्टोन क्रशर के निर्माण पर लगी रोक को जारी रखा है. साथ ही स्टोन क्रशर मालिक व सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Sep 13, 2022, 4:14 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के उदयपुरी में संचालित रिद्धि सिद्धि स्टोन क्रशर (Riddhi Siddhi Stone Crusher) द्वारा मानकों को पूरा नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने स्टोन क्रेशर के निर्माण पर लगी रोक को जारी रखा है. साथ ही स्टोन क्रशर मालिक व सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तिथि मुकर्रर की है.

मामले के अनुसार रामनगर निवासी अजीत सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा रामनगर उदयपुरी के रिहायशी क्षेत्र में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति प्रदान की है, जबकि यह रिहायशी क्षेत्र है. ये औद्योगिक विकास बोर्ड के मानकों का खुला उल्लंघन है. राज्य सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसके संचालन हेतु अनुमति दी है.
पढ़ें- उत्तराखंड के मदरसों का होगा सर्वे, CM धामी ने शादाब शम्स के बयान पर लगाई मुहर

याचिकाकर्ता की हाईकोर्ट से गुहार: याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से रिहायशी क्षेत्र में स्थापित हो रहे स्टोन क्रशर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. ताकि इससे क्षेत्र में पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के उदयपुरी में संचालित रिद्धि सिद्धि स्टोन क्रशर (Riddhi Siddhi Stone Crusher) द्वारा मानकों को पूरा नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने स्टोन क्रेशर के निर्माण पर लगी रोक को जारी रखा है. साथ ही स्टोन क्रशर मालिक व सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तिथि मुकर्रर की है.

मामले के अनुसार रामनगर निवासी अजीत सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा रामनगर उदयपुरी के रिहायशी क्षेत्र में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति प्रदान की है, जबकि यह रिहायशी क्षेत्र है. ये औद्योगिक विकास बोर्ड के मानकों का खुला उल्लंघन है. राज्य सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसके संचालन हेतु अनुमति दी है.
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याचिकाकर्ता की हाईकोर्ट से गुहार: याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से रिहायशी क्षेत्र में स्थापित हो रहे स्टोन क्रशर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. ताकि इससे क्षेत्र में पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.

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