ETV Bharat / state

Haridwar Hate Speech: जितेंद्र त्यागी की जमानत पर HC में सुनवाई, सरकार से 24 घंटे में मांगा जवाब - वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी

हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है.

Haridwar Hate Speech
हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच
author img

By

Published : Mar 7, 2022, 5:29 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सरकार से 24 घंटे के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

नदीम अली ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसंबर को किया गया. आरोप है कि धर्म संसद में मुसलमानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इसके साथ ही कुरान शरीफ और पैगंबर साहब को लेकर भी अपमानजक बातें कहने का भी आरोप लगाया गया था.

नदीम ने आरोप लगाया कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया. इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बन रहा है. नदीम ने आरोप लगाया कि देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई. आरोप लगाया गया कि प्रबोधानंद गिरि द्वारा हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया.

ये भी पढ़ें: Hate Speech: वसीम रिजवी और साध्वी अन्नपूर्णा को भेजा पेशी का नोटिस

पुलिस ने नदीम की शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 A, 295 के तहत नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया. अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने हेतु स्वामी प्रबोधानंद गिरि द्वारा मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी.

एसआईटी का हुआ गठन: पूरे मामले की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से एक एसआईटी का गठन किया गया था. आरोप था कि इस धर्म संसद में कुछ प्रतिभागियों द्वारा कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सरकार से 24 घंटे के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

नदीम अली ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसंबर को किया गया. आरोप है कि धर्म संसद में मुसलमानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इसके साथ ही कुरान शरीफ और पैगंबर साहब को लेकर भी अपमानजक बातें कहने का भी आरोप लगाया गया था.

नदीम ने आरोप लगाया कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया. इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बन रहा है. नदीम ने आरोप लगाया कि देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई. आरोप लगाया गया कि प्रबोधानंद गिरि द्वारा हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया.

ये भी पढ़ें: Hate Speech: वसीम रिजवी और साध्वी अन्नपूर्णा को भेजा पेशी का नोटिस

पुलिस ने नदीम की शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 A, 295 के तहत नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया. अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने हेतु स्वामी प्रबोधानंद गिरि द्वारा मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी.

एसआईटी का हुआ गठन: पूरे मामले की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से एक एसआईटी का गठन किया गया था. आरोप था कि इस धर्म संसद में कुछ प्रतिभागियों द्वारा कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.