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IAS रामविलास यादव की गिरफ्तारी पर रोक को लेकर HC में सुनवाई, सरकार से शपथ पत्र मांगा

आईएएस अधिकारी राम विलास यादव की गिरफ्तारी मामले (Hearing in High Court in Ram Vilas Yadavs arrest case) में हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में सरकार से 19 जुलाई तक शपथ पत्र पेश करने को कहा है. आईएएस अधिकारी राम विलास यादव (IAS officer Ram Vilas Yadav) पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.

Hearing in HC in the matter of stay on the arrest of IAS officer Ram Vilas Yadav
IAS अधिकारी राम विलास यादव की गिरफ्तारी पर रोक मामले में HC में सुनवाई
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Published : Jun 23, 2022, 4:31 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी अपर सचिव समाज कल्याण विभाग रामविलास यादव (IAS officer Ram Vilas Yadav) की गिरफ्तारी पर रोक के मामले पर सुनवाई की. आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रामविलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि वे जांच में सहयोग कर रहे हैं. मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक शपथपत्र कोर्ट में पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में 19 जुलाई को होगी.

आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट के आदेश पर याची विजलेंस के सम्मुख पेश हुए. उसके बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. उन्हें जांच के लिए कई बार बुलाया गया पर वे विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए.

पढ़ें-रुड़की के माधोपुर गांव में दो पक्षों में जमकर चले लाठी डंडे, खूनी संघर्ष में 10 लोग घायल

बीते रोज विजिलेंस ने उनसे पूछताछ की और विजिलेंस अफसरों का आरोप है कि यादव सवालों का सही जबाव नहीं दे रहे हैं. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए हैं, जो गलत हैं. जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया. सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उसे पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया.

पढ़ें- IAS रामविलास ने आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति के नहीं खोले राज, अब रिमांड पर लेने की तैयारी

आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं. हालांकि बुधवार शाम को विजिलेंस पूछताछ के दौरान ही रामविलास को सस्पेंड कर दिया गया था. पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है. इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की. विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून व गाजीपुर के ठिकानों पर छापा मारा. जिसमें सम्पति से सम्बन्धी कई दस्तावेज मिले. जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना से भी अधिक सम्पत्ति मिली. इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी अपर सचिव समाज कल्याण विभाग रामविलास यादव (IAS officer Ram Vilas Yadav) की गिरफ्तारी पर रोक के मामले पर सुनवाई की. आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रामविलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि वे जांच में सहयोग कर रहे हैं. मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक शपथपत्र कोर्ट में पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में 19 जुलाई को होगी.

आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट के आदेश पर याची विजलेंस के सम्मुख पेश हुए. उसके बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. उन्हें जांच के लिए कई बार बुलाया गया पर वे विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए.

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बीते रोज विजिलेंस ने उनसे पूछताछ की और विजिलेंस अफसरों का आरोप है कि यादव सवालों का सही जबाव नहीं दे रहे हैं. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए हैं, जो गलत हैं. जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया. सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उसे पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया.

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आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं. हालांकि बुधवार शाम को विजिलेंस पूछताछ के दौरान ही रामविलास को सस्पेंड कर दिया गया था. पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है. इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की. विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून व गाजीपुर के ठिकानों पर छापा मारा. जिसमें सम्पति से सम्बन्धी कई दस्तावेज मिले. जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना से भी अधिक सम्पत्ति मिली. इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

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