नैनीताल: हरिद्वार पुस्तकालय घोटाला मामले में बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में पुस्तकालय घोटाले में आरोपी तत्कालीन विधायक मदन कौशिक, डीएम और सीडीओ समेत ग्रामीण अभियंत्रण सर्विस अधिशासी अभियंता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले में सच्चिदानंद डबराल ने एक सप्ताह पहले याचिका हाईकोर्ट में डाली थी, जिस पर कल सुनवाई होनी है.
बता दें कि 2010 में विधायक निधि से हरिद्वार में बने 16 पुस्तकालयों के घोटाले का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण पहुंच गया है. जिस पर कल मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ सुनवाई करेगी. मामले में देहरादून निवासी याचिकाकर्ता सच्चिदानंद डबराल द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है.
सच्चिदानंद डबराल ने अपनी याचिका में कहा कि 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक द्वारा विधायक निधि से डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए पैसा आवंटित किया. पुस्तकालय बनने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन और फाइनल पेमेंट तक हो गई, लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं हुआ.
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सच्चिदानंद डबराल ने आरोप लगाया कि विधायक निधि के नाम पर विधायक समेत तत्कालीन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है. हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेज को दिया गया और विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण के बाद ही फाइनल पेमेंट होती है.
ऐसे में विभाग के अधिशासी अभियंता के द्वारा बिना पुस्तकालय निर्माण के ही अपनी फाइनल रिपोर्ट लगा दी. अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है. लिहाजा पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए.