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बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अतिक्रमण मामले में HC में सुनवाई पूरी, शुक्रवार को आएगा फैसला - बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में अतिक्रमण मामले में HC 29 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा

बिना सरकार की अनुमति के अल्मोड़ा स्थित बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में चलाए जा रहे होटल और रेस्टोरेंट्स के खिलाफ याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट 29 अक्टूबर को अपना निर्णय देगी.

Binsar Wildlife Sanctuary Encroachment case
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में अतिक्रमण
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Published : Oct 28, 2021, 7:34 PM IST

नैनीताल: अल्मोड़ा स्थित बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में बिना सरकार की अनुमति के चलाए जा रहे होटल्स और रेस्टोरेंट्स के खिलाफ याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले सुनवाई पूरी कर ली है, जिस पर कोर्ट 29 अक्टूबर को अपना निर्णय देगी.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई. बता दें कि कोटद्वार निवासी गिरि गौरव नैथानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कुछ लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिबंधित क्षेत्र बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अल्मोड़ा में अतिक्रमण कर होटल, रिसार्ट व रेस्टोरेंट बना लिए हैं और कुछ निर्माणाधीन है. इस पर रोक लगाई जाए.

ये भी पढ़ें: राशन फर्जीवाड़ा: HC ने पेश हुए SSP उधमसिंहनगर, कोर्ट ने एक माह में मांगी रिपोर्ट

पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इनकी सूची देने को कहा था. लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा इनकी जानकारी नहीं देने पर कोर्ट ने सरकार से इसकी लिस्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. सरकार ने अपनी लिस्ट में कई नामी होटलों, कैफेज और रिसोर्टों के नाम दिए हैं.

नैनीताल: अल्मोड़ा स्थित बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में बिना सरकार की अनुमति के चलाए जा रहे होटल्स और रेस्टोरेंट्स के खिलाफ याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले सुनवाई पूरी कर ली है, जिस पर कोर्ट 29 अक्टूबर को अपना निर्णय देगी.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई. बता दें कि कोटद्वार निवासी गिरि गौरव नैथानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कुछ लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिबंधित क्षेत्र बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अल्मोड़ा में अतिक्रमण कर होटल, रिसार्ट व रेस्टोरेंट बना लिए हैं और कुछ निर्माणाधीन है. इस पर रोक लगाई जाए.

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पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इनकी सूची देने को कहा था. लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा इनकी जानकारी नहीं देने पर कोर्ट ने सरकार से इसकी लिस्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. सरकार ने अपनी लिस्ट में कई नामी होटलों, कैफेज और रिसोर्टों के नाम दिए हैं.

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