नैनीतालः उधमसिंह नगर के 3 गांव शिपका, शिपका मिलख और मनोरथपुर को राजस्व गांव घोषित न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने सरकार को इस मामले में जमकर फटकार भी लगाई है. साथ ही सरकार को 21 अप्रैल तक 3 गांव को राजस्व गांव घोषित करना है या नहीं ये भी कोर्ट को बताने के लिए कहा है. हाई कोर्ट ने साफ कहा कि अगर 21 अप्रैल तक सरकार ने जवाब पेश नहीं किया, तो मुख्य सचिव को हाई कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब पेश करना होगा.
बता दें कि मनोरथपुर थर्ड निवासी मुख्तियार सिंह एवं पंजाब सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ग्रामीणों की 350 एकड़ भूमि तुमरिया डैम बनाने के दौरान अधिग्रहित की गई थी. जिसके बदले में सरकार के द्वारा उधमसिंह नगर में स्थान दिया गया. लेकिन आज तक राज्य सरकार के द्वारा इन तीनों गावों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है. जिस वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण सरकार की योजनाओं से वंचित हो रहे हैं.
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वहीं मामले में सुनवाई के दौरान डीएम उधमसिंह नगर, सचिव राजस्व, इरिगेशन के अधिशासी अभियंता व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से लें. क्योंकि मामला 2008 से लंबित है. सरकार इस मामले पर क्यों सोई हुई है.