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जज क्वार्टर घोटालाः HC का निचली अदालत को आदेश, 6 माह में अंदर करें निस्तारित - रीता सूरी

देहरादून जज क्वार्टर घोटाला याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए देहरादून की निचली अदालत को 6 महीने के भीतर मामला निस्तारित करने के निर्देश दिए.

Nainital
नैनीताल
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Published : Aug 9, 2021, 8:08 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाइकोर्ट ने देहरादून जज क्वार्टर घोटाला याचिका पर सुनवाई करते हुए देहरादून की निचली अदालत को 6 महीने के भीतर मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें कि देहरादून जज क्वार्टर घोटाले का खुलासा देहरादून के अधिवक्ता राजेश सूरी ने की थी. राजेश सूरी ने देहरादून के कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए थे. राजेश सूरी की बहन रीचा सूरी का आरोप है कि देहरादून के नगर निगम सहित तमाम हाई प्रोफाइल सरकारी प्रॉपर्टी व जमीनों के केस लड़ने वाले उनके भाई राजेश सूरी को उस समय जहर देकर मार डाला, जब वह हाईकोर्ट नैनीताल से ट्रेन से वापस देहरादून लौट रहे थे. 30 नवम्बर 2014 को राजेश सूरी की हत्या हुई थी.

इस मामले में रीता सूरी द्वारा हत्याकांड का आरोप लगाते हुए कई भू-माफिया और राजनीतिक शरण पाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया. रीता सूरी के मुताबिक वर्ष 2015 में तत्कालीन एसपी सिटी के नेतृत्व में इस प्रकरण में एसआईटी जांच गठित की गई. वर्ष 26 अक्टूबर 2016 में एसआईटी द्वारा इस केस FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल की गई. लेकिन रीता सूरी द्वारा इस जांच पड़ताल पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में अपील की गई. जिसके चलते 2018 में कोर्ट ने पुलिस एसआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी थी.

ये भी पढ़ेंः NH चौड़ीकरण के नाम पर काटे जा रहे 2500 पेड़, HC ने सरकार और NHAI ने मांगा जवाब

उधर रीता सूरी ने एक बार हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए सीबीआई जांच की मांग की. ऐसे 2018 को एक बार फिर तत्कालीन एसपी सिटी प्रदीप राय और श्वेता चौबे के नेतृत्व में एसआईटी जांच टीम का गठन किया गया. पुलिस एसआईटी ने इस बार दिसंबर 2020 को एक बार सिर्फ FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल कर दी थी.

ऐसे में पुलिस की जांच पड़ताल कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच ना होने का आरोप लगाते हुए मृतक राजेश सूरी की बहन ने कोर्ट में अपील की थी. जिसके बाद 24 जुलाई 2021 को देहरादून सीजेएम कोर्ट ने पुलिस SIT की दूसरी FR रिपोर्ट को खारिज करते हुए एक बार फिर दोबारा से पूरे प्रकरण में विस्तृत जांच के आदेश दिए थे.

नैनीतालः उत्तराखंड हाइकोर्ट ने देहरादून जज क्वार्टर घोटाला याचिका पर सुनवाई करते हुए देहरादून की निचली अदालत को 6 महीने के भीतर मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें कि देहरादून जज क्वार्टर घोटाले का खुलासा देहरादून के अधिवक्ता राजेश सूरी ने की थी. राजेश सूरी ने देहरादून के कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए थे. राजेश सूरी की बहन रीचा सूरी का आरोप है कि देहरादून के नगर निगम सहित तमाम हाई प्रोफाइल सरकारी प्रॉपर्टी व जमीनों के केस लड़ने वाले उनके भाई राजेश सूरी को उस समय जहर देकर मार डाला, जब वह हाईकोर्ट नैनीताल से ट्रेन से वापस देहरादून लौट रहे थे. 30 नवम्बर 2014 को राजेश सूरी की हत्या हुई थी.

इस मामले में रीता सूरी द्वारा हत्याकांड का आरोप लगाते हुए कई भू-माफिया और राजनीतिक शरण पाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया. रीता सूरी के मुताबिक वर्ष 2015 में तत्कालीन एसपी सिटी के नेतृत्व में इस प्रकरण में एसआईटी जांच गठित की गई. वर्ष 26 अक्टूबर 2016 में एसआईटी द्वारा इस केस FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल की गई. लेकिन रीता सूरी द्वारा इस जांच पड़ताल पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में अपील की गई. जिसके चलते 2018 में कोर्ट ने पुलिस एसआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी थी.

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उधर रीता सूरी ने एक बार हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए सीबीआई जांच की मांग की. ऐसे 2018 को एक बार फिर तत्कालीन एसपी सिटी प्रदीप राय और श्वेता चौबे के नेतृत्व में एसआईटी जांच टीम का गठन किया गया. पुलिस एसआईटी ने इस बार दिसंबर 2020 को एक बार सिर्फ FR (अंतिम रिपोर्ट) कोर्ट में दाखिल कर दी थी.

ऐसे में पुलिस की जांच पड़ताल कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच ना होने का आरोप लगाते हुए मृतक राजेश सूरी की बहन ने कोर्ट में अपील की थी. जिसके बाद 24 जुलाई 2021 को देहरादून सीजेएम कोर्ट ने पुलिस SIT की दूसरी FR रिपोर्ट को खारिज करते हुए एक बार फिर दोबारा से पूरे प्रकरण में विस्तृत जांच के आदेश दिए थे.

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