ETV Bharat / state

गंगा में अवैध खनन मामले में सुनवाई, HC ने सरकार को प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी गठित करने के दिए निर्देश - उत्तराखंड गंगा में अवैध खनन मामले में सुनवाई

उत्तराखंड गंगा में हो रहे अवैध खनन मामले में आज हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने सरकार को 10 दिनों के भीतर फिर से प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी गठित करने के निर्देश दिए. वहीं, कोर्ट ने रायवाला से भोगपुर तक खनन पर लगी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 21, 2023, 8:23 PM IST

देहरादून: गंगा में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ हरिद्वार मातृ सदन और अन्य की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ ने सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 10 दिन में प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाने के निर्देश दिए. साथ ही कमेटी में पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त और स्वतंत्र लोगों को शामिल करने को कहा.

मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि कमेटी का गठन कर दिया गया है. जिसमें जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हैं, लेकिन कोर्ट सरकार की ओर से गठित कमेटी से संतुष्ट नजर नहीं आयी. इसलिए कोर्ट ने प्रदेश सरकार को दोबारा से प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाने को कहा. साथ ही इस कमेटी में पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त लोगों को शामिल करने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ें: टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर रोक जारी, हाईकोर्ट में सरकार ने आज जवाब किया पेश

अदालत ने इसी के साथ रायवाला से भोगपुर तक खनन पर लगी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दिया है. साथ ही सरकार को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा. इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी. गौरतलब है कि गंगा में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन और अन्य की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर की गई थी. जिसमें कहा गया कि गंगा नदी में रायवाला से भोगपुर के बीच अवैध खनन हो रहा है, जिस पर रोक लगाई जाए.

देहरादून: गंगा में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ हरिद्वार मातृ सदन और अन्य की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ ने सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 10 दिन में प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाने के निर्देश दिए. साथ ही कमेटी में पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त और स्वतंत्र लोगों को शामिल करने को कहा.

मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि कमेटी का गठन कर दिया गया है. जिसमें जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हैं, लेकिन कोर्ट सरकार की ओर से गठित कमेटी से संतुष्ट नजर नहीं आयी. इसलिए कोर्ट ने प्रदेश सरकार को दोबारा से प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाने को कहा. साथ ही इस कमेटी में पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त लोगों को शामिल करने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ें: टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर रोक जारी, हाईकोर्ट में सरकार ने आज जवाब किया पेश

अदालत ने इसी के साथ रायवाला से भोगपुर तक खनन पर लगी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दिया है. साथ ही सरकार को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा. इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी. गौरतलब है कि गंगा में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन और अन्य की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर की गई थी. जिसमें कहा गया कि गंगा नदी में रायवाला से भोगपुर के बीच अवैध खनन हो रहा है, जिस पर रोक लगाई जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.