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नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए पर HC की सुनवाई पूरी, 9 दिसंबर को आएगा फैसला

राज्य सरकार के इस फैसले को याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार मामले में अध्यादेश ला रही है जो गलत है. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली है.

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पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बकाए पर HC की सुनवाई पुरी.9 दिसंबर को आएगा फैसला.
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Published : Dec 3, 2019, 9:11 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 9:32 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों के किराए और अन्य भत्तों के बकाये को लेकर मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है. वहीं, अब आगामी 9 दिसंबर को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ इस पर फैसला सुनाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए पर HC की सुनवाई.

बता दें कि पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून के रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट सेंटर ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा सरकारी भवन और सुविधाएं दिए जाने को गलत ठहराया था. साथ ही उन्होंने उक्त अवधि के दौरान का किराया भी मुख्यमंत्रियों से वसूलने की मांग की थी. जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीशों की पीठ ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को बकाया जमा करने के आदेश दिए थे. लेकिन राज्य सरकार ने कैबिनेट में अध्यादेश लाकर मुख्यमंत्रियों के बकाए को माफ करने का फैसला लिया था.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: कड़ाके की ठंड से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, कोहरा बढ़ा रहा टेंशन

जिसके बाद राज्य सरकार के इस फैसले को याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार मामले में अध्यादेश ला रही है जो गलत है. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. साथ ही फैसले के लिए कोर्ट ने आगामी 9 दिसंबर की तिथि तय की है.

बता दें कि पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रीयों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें बताया गया था कि पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, बीसी खण्डूड़ी पर 46 लाख 59 हजार, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए और पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों के किराए और अन्य भत्तों के बकाये को लेकर मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है. वहीं, अब आगामी 9 दिसंबर को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ इस पर फैसला सुनाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाए पर HC की सुनवाई.

बता दें कि पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून के रूरल लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट सेंटर ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा सरकारी भवन और सुविधाएं दिए जाने को गलत ठहराया था. साथ ही उन्होंने उक्त अवधि के दौरान का किराया भी मुख्यमंत्रियों से वसूलने की मांग की थी. जिसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीशों की पीठ ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को बकाया जमा करने के आदेश दिए थे. लेकिन राज्य सरकार ने कैबिनेट में अध्यादेश लाकर मुख्यमंत्रियों के बकाए को माफ करने का फैसला लिया था.

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जिसके बाद राज्य सरकार के इस फैसले को याचिकाकर्ता ने एक बार फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार मामले में अध्यादेश ला रही है जो गलत है. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. साथ ही फैसले के लिए कोर्ट ने आगामी 9 दिसंबर की तिथि तय की है.

बता दें कि पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रीयों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें बताया गया था कि पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, बीसी खण्डूड़ी पर 46 लाख 59 हजार, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए और पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है.

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उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास अन्य भत्तों को जमा करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई की पूरी।

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास का किराया व अन्य भत्तों को जमा करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई पूरी हो चुकी है, खंडपीठ ने फैसले के लिए सोमवार 9 दिसंबर की तिथि तय की है।




Body:पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया व अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में अध्यादेश जारी कर सरकारी घर समेत अन्य भत्ते जमाना करने का फैसला किया था, जिसको यकचिककर्ता ने एक बार फिर हाई कोर्ट में चुनौती दी।
पूर्व में सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रीयो पर 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश करी,,, जिसमें सरकार ने बताया की पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, 

बीसी खण्डूरी पर 46 लाख 59 हजार, 

विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, 

भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपए बकाया हैं,,, जबकी पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपए की राशि बकाया है,,,


Conclusion:अपाको बता दे कि नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में पुर्व मुख्यमंत्रीयो को सरकार द्धारा जो सरकारी भवन और सुविधाए दी जा रही है वो गलत है साथ ही जब से पुर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का प्रयोग कर रहे है उनसे उक्त अवधि के दौरान का किराया वसूलने की मांग भी की गई थी,
पूर्व में मुख्य न्यायाधीशों की पीठ ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को बकाया जमा करने के आदेश दिए जिसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट में अध्यादेश लाकर मुख्यमंत्रियों पर बकाया को माफ करने का फैसला लिया था जिसको याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार मामले में अध्यादेश ला रही है जो गलत है।

बाईट- कार्तिके हरी गुप्ता, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Dec 3, 2019, 9:32 PM IST
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