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Hariyali Teej 2022: व्रत में न हो जाए चूक, अभी से सजा लें पूजा की थाली, जानें सामग्री और पूजन विधि - मूर्ति के समाने अक्षत रखें और मोली से कलश के चारों और बांधें

हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस साल हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को मनाया जाएगा. हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही अधिक खास होता है.

Hariyali Teej 2022
हरियाली तीज 2022 की खबरें
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Published : Jul 31, 2022, 12:05 AM IST

हल्द्वानी: हरियाली तीज का त्योहार भागवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी विवाहित जीवन की कामन करती हैं. हरियाली तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले यानी श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना करना काफी शुभ माना जाता है. हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है.

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त: तृतीया तिथि प्रारम्भ 31 जुलाई 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रहा है और एक अगस्त 2022 को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर खत्म हो रहा है.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: हरियाली तीज पर सुबह 7:05 से लेकर सुबह 9:55 और शाम को प्रदोष काल में 5:55 से 8:05 तक पूजन का उत्तम मुहूर्त रहेगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को मनाया जाएगा. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था. इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं, कुंवारी महिलाएं मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाली तीज पर इन मंत्रों से करें माता पार्वती का पूजन, जानें सुहागिन महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है ये व्रत

ज्योतिष के अनुसार इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए महिलाएं सज-संवर कर हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं. इसलिए ही इसे हरियाली तीज कहा जाता है. कल हरियाली तीज का व्रत अगर आप भी रख रहीं हैं, तो पहले से ही पूजा की सामग्री तैयार कर लें.

हरियाली तीज की पूजा सामग्री: हरियाली तीज के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद एक चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें. ध्यान रखें कि चौकी पर पहले एक साफ कपड़ा बिछा लें. इसके बाद पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि को शामिल किया जाता है.

हरियाली तीज पूजा विधि: हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में उठे. स्नान के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मंदिर में रखी चौकी को गंगाजल से साफ कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं. संभव न हो तो फोटो का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की स्थापना करें. एक तेल तिल या सरसों या फिर घी का दीपक जलाएं. इस दीपक को देवताओं के दाहिनी ओर रखें.

पूजा की शुरुआत में भगवान गणेश का आह्वान करें और उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद मूर्ति के समाने अक्षत रखें और मोली से कलश के चारों और बांधें. फिर कलश में सुपारी, हल्दी और कुमकुम, पानी डालें. इसके बाद आम के या फिर पान के पत्ते कलश में डाल दें. इसके बाद पंचपात्र से थोड़ा जल हाथ में लेकर मां पार्वती और भगवान शिव के चरणों में अर्पित करें और पूजा शुरू कर दें. भगवान शिव को धतूरा, सफेद मुकूट और चंदन, फूल और बेलपत्र अर्पित करें और मां पार्वती को ऋंगार का सामान अर्पित करें. नैवेद्य या भोग अर्पित करने के बाद तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुनें. आखिर में आरती के साथ पूजा का समापन करें.

जब माता पार्वती की पूजा करें तो इन मंत्रों को बोलें

  • ॐ उमायै नम:
  • ॐ पार्वत्यै नम:
  • ॐ जगद्धात्र्यै नम:
  • ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:
  • ॐ शांतिरूपिण्यै नम:
  • ॐ शिवाय नम:

भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें

  • ॐ हराय नम:
  • ॐ महेश्वराय नम:
  • ॐ शंभवे नम:
  • ॐ शूलपाणये नम:
  • ॐ पिनाकवृषे नम:
  • ॐ शिवाय नम:
  • ॐ पशुपतये नम:
  • ॐ महादेवाय नम:

हल्द्वानी: हरियाली तीज का त्योहार भागवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी विवाहित जीवन की कामन करती हैं. हरियाली तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले यानी श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना करना काफी शुभ माना जाता है. हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है.

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त: तृतीया तिथि प्रारम्भ 31 जुलाई 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रहा है और एक अगस्त 2022 को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर खत्म हो रहा है.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: हरियाली तीज पर सुबह 7:05 से लेकर सुबह 9:55 और शाम को प्रदोष काल में 5:55 से 8:05 तक पूजन का उत्तम मुहूर्त रहेगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को मनाया जाएगा. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था. इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं, कुंवारी महिलाएं मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाली तीज पर इन मंत्रों से करें माता पार्वती का पूजन, जानें सुहागिन महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है ये व्रत

ज्योतिष के अनुसार इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए महिलाएं सज-संवर कर हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं. इसलिए ही इसे हरियाली तीज कहा जाता है. कल हरियाली तीज का व्रत अगर आप भी रख रहीं हैं, तो पहले से ही पूजा की सामग्री तैयार कर लें.

हरियाली तीज की पूजा सामग्री: हरियाली तीज के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद एक चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें. ध्यान रखें कि चौकी पर पहले एक साफ कपड़ा बिछा लें. इसके बाद पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि को शामिल किया जाता है.

हरियाली तीज पूजा विधि: हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में उठे. स्नान के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मंदिर में रखी चौकी को गंगाजल से साफ कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं. संभव न हो तो फोटो का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की स्थापना करें. एक तेल तिल या सरसों या फिर घी का दीपक जलाएं. इस दीपक को देवताओं के दाहिनी ओर रखें.

पूजा की शुरुआत में भगवान गणेश का आह्वान करें और उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद मूर्ति के समाने अक्षत रखें और मोली से कलश के चारों और बांधें. फिर कलश में सुपारी, हल्दी और कुमकुम, पानी डालें. इसके बाद आम के या फिर पान के पत्ते कलश में डाल दें. इसके बाद पंचपात्र से थोड़ा जल हाथ में लेकर मां पार्वती और भगवान शिव के चरणों में अर्पित करें और पूजा शुरू कर दें. भगवान शिव को धतूरा, सफेद मुकूट और चंदन, फूल और बेलपत्र अर्पित करें और मां पार्वती को ऋंगार का सामान अर्पित करें. नैवेद्य या भोग अर्पित करने के बाद तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुनें. आखिर में आरती के साथ पूजा का समापन करें.

जब माता पार्वती की पूजा करें तो इन मंत्रों को बोलें

  • ॐ उमायै नम:
  • ॐ पार्वत्यै नम:
  • ॐ जगद्धात्र्यै नम:
  • ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:
  • ॐ शांतिरूपिण्यै नम:
  • ॐ शिवाय नम:

भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें

  • ॐ हराय नम:
  • ॐ महेश्वराय नम:
  • ॐ शंभवे नम:
  • ॐ शूलपाणये नम:
  • ॐ पिनाकवृषे नम:
  • ॐ शिवाय नम:
  • ॐ पशुपतये नम:
  • ॐ महादेवाय नम:
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