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नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई टली, 7 जनवरी को होगी

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है. अब 7 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
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Published : Nov 1, 2019, 8:40 AM IST

Updated : Nov 1, 2019, 4:41 PM IST

नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है. अब 7 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

जानकारी देते हरीश रावत के अधिवक्ता.

इससे पूर्व सुनवाई में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने हरीश रावत की ओर से पैरवी की थी. वहीं 2016 में एक निजी चैनल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग दिखाया था. इस स्टिंग में रावत सरकार बचाने के लिए विधायकों से सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे.

इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए और सूबे में राष्ट्रपति शासन लग गया था.वहीं सीबीआई की एफआईआर में हरक सिंह रावत और उमेश कुमार का भी नाम शामिल है. पूर्व में वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट के समक्ष सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की सीलबंद रिपोर्ट पेश की थी और केस दिल्ली में दर्ज किया गया है.

पढ़ें-श्रीदेव सुमन विवि के दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से नवाजी जाएंगी उत्तराखंड की तीन विभूतियां

बता दें कि 2016 में सामने आए एक स्टिंग वीडियों में रावत अपने खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों का समर्थन खरीदने के लिए सौदेबाजी करते दिखे थे. सीबीआई की एफआईआर में हरक सिंह रावत और उमेश कुमार का भी नाम शामिल है.

नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है. अब 7 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

जानकारी देते हरीश रावत के अधिवक्ता.

इससे पूर्व सुनवाई में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने हरीश रावत की ओर से पैरवी की थी. वहीं 2016 में एक निजी चैनल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग दिखाया था. इस स्टिंग में रावत सरकार बचाने के लिए विधायकों से सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे.

इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए और सूबे में राष्ट्रपति शासन लग गया था.वहीं सीबीआई की एफआईआर में हरक सिंह रावत और उमेश कुमार का भी नाम शामिल है. पूर्व में वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट के समक्ष सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की सीलबंद रिपोर्ट पेश की थी और केस दिल्ली में दर्ज किया गया है.

पढ़ें-श्रीदेव सुमन विवि के दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से नवाजी जाएंगी उत्तराखंड की तीन विभूतियां

बता दें कि 2016 में सामने आए एक स्टिंग वीडियों में रावत अपने खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों का समर्थन खरीदने के लिए सौदेबाजी करते दिखे थे. सीबीआई की एफआईआर में हरक सिंह रावत और उमेश कुमार का भी नाम शामिल है.

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देहरादूनः  पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद आज नैनीताल हाईकोर्ट में केस की सुनवाई है.इससे पूर्व सुनवाई में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने हरीश रावत की ओर से पैरवी की थी. वहीं 2016 में एक निजी चैनल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग दिखाया था. इस स्टिंग में रावत सरकार बचाने के लिए विधायकों से सौदेबाजी करते नजर आ रहे थे.



गौर हो कि इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए और सूबे में राष्ट्रपति शासन लग गया था.वहीं सीबीआई की एफआईआर में हरक सिंह रावत और उमेश कुमार का भी नाम शामिल है. पूर्व में वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट के समक्ष सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की सीलबंद रिपोर्ट पेश की थी. केस दिल्ली में दर्ज किया गया है. वहीं केस में  कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के नाम पर भी संज्ञान लिया जा सकता है. 


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Last Updated : Nov 1, 2019, 4:41 PM IST
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